पूर्व विधायक रणवीर जाटव का झलका दर्द : जिस सरकार के लिए विधायकी छोड़ी, उसी सरकार में हो गई एफआईआर

मामला- दो दिन पूर्व क्रेशर पर हुई गोलीबारी का

भिण्ड, 24 नवम्बर। सन् 2020 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के 28 विधायकों ने एक साथ विधायक पद व कांग्रेस पार्टी छोड़ भाजपा की सदस्यता लेकर कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिरा दी थी। जिस कारण पुन: भाजपा की सत्ता में वापसी हुई थी। बाद में इन पूर्व विधायकों द्वारा भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर फिर से विधायक चुने गए तथा कुछ ने अपनी सीट भी गवाई, जिनमें गोहद के पूर्व विधायक रणवीर जाटव भी शामिल हैं।
विगत तीन दिवस पूर्व पिपरसाना में क्रेशरों पर रास्ते के विवाद को लेकर दो पक्षों में फायरिंग हुई जिसमें दो लोग घायल हुए। इसी घटनाक्रम में पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ हत्या के प्रयास का क्रॉस मामला दर्ज किया, इसी एफआईआर के एक पक्ष में पूर्व विधायक रणवीर जाटव का नाम एफआईआर में दर्ज किया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार घटना वाले दिन व समय पर पूर्व विधायक घटना स्थल पर मौजूद ही नहीं थे। 21 नवंबर 2021 को वैवाहिक कार्यक्रमों में शामिल होकर देर रात्रि अपने ग्वालियर स्थित निवास पहुंचे और सोमवार को पूरे दिन ग्वालियर में ही व्यतीत किया। जब पूर्व विधायक घटना स्थल पर मौजूद ही नहीं थे तो किस आधार पर पूर्व विधायक रणवीर जाटव के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला कैसे बिना जांच करे दर्ज कर लिया। कहीं कोई षणयंत्र तो नहीं? अगर मामले की गंभीरता से जांच की जाए तो इसमें निश्चित ही यह सिद्ध होगा कि किस तरह षडय़ंत्र पूर्वक एक राजनीतिक व प्रतिष्ठित व्यक्ति की छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया है।

इनका कहना है-

रविवार के दिन मैं पूरे दिन शादी समारोह में शामिल रहा और सोमवार के दिन मैं ग्वालियर में रहा। मुझे षडय़ंत्र पूर्वक झूठे केस में फसाया जा रहा है। मेरा इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है।
रणवीर जाटव, पूर्व विधायक, विधानसभा क्षेत्र गोहद
इस तरह बिना जांच करे एक संभ्रांत व्यक्ति का नाम दर्ज करना गलत है, इससे लोगों में गलत संदेश जाता है। किसी भी मामले में निर्दोष फंसना नहीं चाहिए और दोषी बचना नहीं चाहिए।
नाथूसिंह गुर्जर, जिला अध्यक्ष भाजपा भिण्ड