हत्या के आरोपी को मिली आजीवन कारावास की सजा

चिन्हित जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण में दोषसिद्धि

रायसेन, 19 नवम्बर। अपर सत्र न्यायाधीश, तहसील गौहरगंज, जिला रायसेन श्रीमती सुरेखा मिश्रा के न्यायालय ने निर्णय पारित करते हुए ग्राम गज्जू पिपलिया के शिवराज मीना की हत्या करने के आरोपी राजेन्द्र लोवंशी उर्फ राजू पुत्र ज्ञानसिंह उम्र 21 वर्ष जिला रायसेन को धारा 302 भादवि में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में मप्र राज्य की ओर से पूर्व अपर लोक अभियोजक अनिल कुमार तिवारी एवं वर्तमान अपर लोक अभियोजक बृजेश चौहान तहसील गौहरगंज जिला रायसेन ने पैरवी की।
अभियोजन मीडिया प्रभारी जिला रायसेन श्रीमती शारदा शाक्य के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि 24 अप्रैल 2018 को दोपहर दो बजे के करीब मंडीदीप के गज्जू पिपलिया का रहने वाला शिवराज मीना लापता हो गया था, जिसकी उसके घर वालों ने सब जगह तलाश की लेकिन उसका पता नहीं चला और उसका फोन भी बंद आ रहा था, तो उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में लिखाई गई थी, फिर 26 अप्रैल 2018 को बमूलिया रोड पर सिर कटी लाश मिलने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची थी, जहां शिवराज के परिवार वाले भी पहुंच गए थे और कपड़े, जूते तथा अन्या वस्तुओं से उसकी पहचान शिवराज मीना के रूप में हुई थी। उसकी मोटर साइकिल भी कोलार रोड के दूसरी तरफ खड़ी हुई थी, जहां उसके जूते भी पड़े मिले थे, लाश का एक पैर भी कटा हुआ था। शिवराज मीना की हत्या किए जाने के संबंध में अज्ञात आरोपी के विरुद्ध थाना मंडीदीप में हत्या का मामला पंजीबद्ध कर अनुसंधान में लिया गया था। अनुसंधान के दौरान संदेही राजेन्द्र लोवंशी ऊर्फ राजू तथा उसके दो साथियों रवि मंडलोई एवं अखिलेश नागर से पूछताछ करने पर उन्होंंने ने शिवराज की हत्या करने का अपराध स्वीकार किया था और उनकी निशानदेही पर अपराध के संबंध में अन्य वस्तुओं को बरामद किया गया। जब्ती किए गए सामान को फोरेंसिक जांच के लिए लेबोरेट्री भिजवाया गया। आरोपीगण को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया और पुलिस द्वारा अनुसंधान पूर्ण कर न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया था। अभियोजन पक्ष द्वारा की गई पैरवी के दौरान राज्य की ओर से प्रस्तुत साक्षीगण के कथनों और वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर विद्वान न्यायाधीश ने आरोपी राजेन्द्र लोवंशी ऊर्फ राजू के विरुद्ध लगाए गए आरोपों को संदेह से परे प्रमाणित पाते हुए आजीवन कारावास का दण्डादेश सुनाया तथा अर्थदण्ड भी लगाया है।