पॉक्सो एक्ट एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत प्रशिक्षण सह कार्यशाला आयोजित

भिण्ड, 17 नवम्बर। केन्द्रीय विद्यालय भिण्ड में किशोर न्याय अधिनियम 2015 तथा लैगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट) 2012 एवं बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ योजना के तहत प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से उपस्थिति बाल संरक्षण अधिकारी अजय सक्सेना ने छात्रों को पॉक्सो एक्ट के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि किसी भी घटना को छुपाएं नहीं और न हीं अनदेखा करें, अपितु तत्काल रिपोर्ट करें। कार्यक्रम में उपस्थिति स्कूल के अध्यापकों से अपेक्षा की गई कि बच्चों से प्राप्त होने वाली शिकायतें अथवा सुझाव को अनदेखा न किया जाकर उनके समाधान पर कार्य किया जाए, क्योंकि कानून में अपराध को छुपाना भी अपराध है। साथ ही यह भी अपेक्षा की गई कि बच्चों के व्यवहार पर सतत निगरानी रखी जाए, जिससें भविष्य में होने वाली बड़ी घटनाओं से बचा जा सकता है। यदि किसी बच्चे के व्यवहार में असामान्य परिवर्तन परिलक्षित होता है तो तत्काल बच्चें से बात करें, उसकी काउंसलिंग करें और आवश्यकता पडऩे पर महिला एवं बाल विकास विभाग, बाल कल्याण समिति, चाईल्ड लाईन अथवा पुलिस की सहायता ली जा सकती है। कार्यक्रम में बताया गया कि कभी भी किसी सुनसान जगह पर नहीं जाएं, जहां तक संभव हो सके दो-तीन बच्चों के समूह में रहें और हमेशा सामान्य रास्ता (भीड़भाड़ वाले) का चुनाव करें, शॉर्टकट न देखें। किसी भी प्रकार के बहकावे डर अथवा लालच में न पड़ें और अपने माता-पिता से कुछ भी न छिपाएं। दुनिया में ऐसा कोई भी सीके्रट नहीं है जो अपने माता-पिता से छिपाएं। जागरूकता ही एक मात्र बचाव है।
इसके बाद बच्चों को बताया गया कि वे बाल यौन शोषण की शिकायत बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई, चाइल्ड लाइन (1098), पुलिस (100) को कर सकते हंै इसके अतिरिक्त ऑनलाइन शिकायत पॉक्सो ई-बोक्स पर भी करने का तरीका भी बताया गया। तदुपरांत बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजनांतर्गत छात्रों का साईबर क्राइम के बारे में बताया जाकर ऐसे अपराधों से बचाव के तरीके बताए गए। बच्चों को बताया गया कि सोशल मीडिया पर अपनी निजी जानकारी साझा न करें तथा किसी अजनवी नंबर से भेजी लिंक को क्लिक न करें। विभाग की ओर से आनंद मिश्रा लेखापाल, जितेन्द्र शर्मा आकड़ा विश्लेषक उपस्थिति रहे। क्विज में सही जवाब देने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया गया। कार्यशाला के अगले चरण में उदिता योजना के तहत छात्राओं को बताया गया कि नियमित संतुलित भोजन, आहार लेने से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी नहीं होती है। हरी पत्तेदार सब्जियां, चुकंदर, गुड़, सेब, अनार आदि आयरन के तथा चना, मूगफली, सोयाबीन, दालें आदि प्रोटीन के अच्छे स्त्रोत है, इनके नियमित सेवन करने से शरीर में प्रोटीन, आयरन की कमी नहीं होती और बीमारियों से लडऩे की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।