गोली मारकर हत्या करने वाले आधा दर्जन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा

जघन्य सनसनीखेज मामले में सत्र न्यायालय ने सुनाया निर्णय

ग्वालियर, 13 नवम्बर। चतुर्थ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ग्वालियर श्री सुरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव के न्यायालय ने जघन्य एवं सनीसनीखेज चिन्हित प्रकरण में शनिवार को अभियुक्त राजूसिंह पुत्र भागीरथ सिंह को धारा 148 में एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड, धारा 307, 149 भादवि में सात वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड एवं धारा 302, 149 में आजीवन कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदण्ड एवं आरोपी उपेन्द्र बैस पुत्र घनश्याम सिंह बैस को धारा 148 में एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड, धारा 307, 149 भादवि में सात वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड एवं धारा 302, 149 में आजीवन कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदण्ड एवं आरोपी बंटू सिकरवार पुत्र आशाराम सिंह सिकरवार को धारा 148 में एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड, धारा 307, 149 भादवि में सात वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड एवं धारा 302, 149 में आजीवन कारावास एवं पांच हजार रुपए का अर्थदण्ड तथा आरोपी मनीष कोली पुत्र रामकिशन कोली को धारा 148 में एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड, धारा 307, 149 भादवि में सात वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड एव धारा 302, 149 में आजीवन कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदण्ड एवं अभियुक्त दीपक जाट पुत्र हरिसिंह जाट को धारा 148 में एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड, धारा 307, 149 भादवि में सात वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड एवं धारा 302, 149 में आजीवन कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदण्ड एवं अभियुक्त परिमाल सिंह पुत्र मुन्नासिंह तोमर को धारा 148 में एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड, धारा 307, 149 भादवि में सात वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड एवं धारा 302, 149 में आजीवन कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदण्ड तथा धारा 25(1-ख)(क) में एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी कर रहे अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी अनिल मिश्रा ने बताया कि 21 अक्टूबर 2013 को रात्रि 23:45 बजे फरियादी राजू उर्फ राजवीर सिंह बैस ने घायल अवस्था में पुलिस थाना ग्वालियर के थाना प्रभारी संजय मिश्रा को देहाती नालसी पर इस आशय की सूचना दी थी कि वह अपने लड़के गौरव तथा भतीजे शैलेन्द्र सिंह के साथ रात्रि 10:30 बजे अपने मार्केट काला महल के सामने बैठा था तभी अभिषेक तोमर मोटर साइकिल से आया और उससे बोला कि तुम हड्डी बैस को बुलाते हो बैठाते हो उसने मना किया कि उसका उससे कोई लेना देना नहीं है, तब अभिषेक गालियां देने लगा, तभी पीछे से परमाल तोमर, राजू सिकरवार, बंटू सिकरवार, उपेन्द्र बैस और मनीष कंजा मोटर साइकिल से आ गए और उसकी मारपीट करने लगे और बोले कि आज तुझे गोली मारेंगे। वह छूटकर भागने लगा तो अभिषेक तोमर ने पिस्टल निकाल ली और लोड करने लगा, तभी राजू सिकरवार, उपेन्द्र और बंटू बोले कि इसे गोली मार दो। परमाल ने पिस्टल निकालकर लोड की तो मनीष कंजा बोला जल्दी गोली मारो नहीं तो भाग जाएगा। तभी परमाल तोमर ने जान से मारने की नियत से उस पर गोली चलाई, जो उसकी बांई तरफ जाघ में लगी, वह गिर गया। गोली की आवाज सुनकर सूरज घर से बाहर निकला तो अभिषेक बोला इसने देख लिया है इसे भी मार देते हैं। सूरज पीछे मुड़ा तो अभिषेक ने पिस्टल की गोली जान से मारने की नियत से मारी जो सूरज की छाती में लगी और वह घर के दरवाजे पर गिर पड़ा। जिसे उसकी बहन ने घर के अंदर खीच लिया। सभी लोग गोली मारने के बाद मोटर साइकिल पर बैठकर भाग गए। घटना नंदन सिकरवार, रामभरोशी शर्मा, शैलेन्द्र सिंह व गौरव सिंह ने देखी। उसे अस्पताल आते समय पता चला कि सूरज की मृत्यु हो गई है। उक्त सूचना के आधार पर पुलिस ने प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया तथा विवचेना पूर्ण कर चालान न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। विचारण न्यायालय अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगणों को सजा सुनाई।