स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत जानने प्रभारी मंत्री पहुंचे हजार बिस्तर अस्पताल

– मरीजों से हुए रूबरू, चिकित्सकों से स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में की विस्तार से चर्चा

ग्वालियर, 23 जून। स्वास्थ्य सुविधाओं की जमीनी हकीकत जानने प्रदेश के जल संसाधन मंत्री एवं ग्वालियर जिले के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट सोमवार को अचानक हजार बिस्तर अस्पताल पहुंचे और स्वास्थ्य सुविधाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने चिकित्सकों से कहा कि अस्पताल में आने वाले मरीजों को बेहतर उपचार मिले। इसके साथ ही उनके साथ आने वाले परिजनों को भी किसी प्रकार की परेशानी न हो, यह सुनिश्चित किया जाए।
प्रभारी मंत्री सिलावट ग्वालियर भ्रमण के दौरान हजार बिस्तर अस्पताल पहुंचे। अस्पाल में उपचार कराने आए मरीजों से उन्होंने चर्चा की तथा सहानुभूति पूर्वक उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात भी कही। उन्होंने मरीजों से चर्चा करते हुए उनकी बीमारी के संबंध में पूछताछ की और चिकित्सकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए दिशा-निर्देश दिए। प्रभारी मंत्री ने भ्रमण के दौरान पंजीयन काउण्टरों का भी निरीक्षण किया और निर्देश दिए कि अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीजों एवं उनके अभिभावकों को पंजीयन में परेशानी न हो ऐसी व्यवस्थाएं बनाई जाएं।
प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ने हजार बिस्तर अस्पताल में कार्यरत चिकित्सकों से भी विस्तार से चर्चा की। अस्पताल की व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि ग्वालियर के हजार बिस्तर अस्पताल में न केवल ग्वालियर के बल्कि ग्वालियर-चंबल संभाग के साथ-साथ राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश के मरीज भी उपचार हेतु आते हैं। मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें, इसके साथ ही मरीजों के साथ आने वाले परिजनों को भी किसी प्रकार की परेशानी न हो, यह सुनिश्चित किया जाए। प्रभारी मंत्री ने अस्पताल भ्रमण के दौरान विभिन्न वार्डों में पहुंचकर मरीजों से भी उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान डीन मेडीकल कॉलेज डॉ. आरकेएस धाकड, भाजपा जिलाध्यक्ष जयप्रकाश राजौरिया, कमल माखीजानी सहित जनप्रतिनिधि और अस्पताल के चिकित्सकगण उपस्थित थे।
प्रभारी मंत्री ने व्हील चेयर से मरीज को पहुंचाया वार्ड तक
प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ने अस्पताल भ्रमण के दौरान उपचार के लिए आए एक मरीज से चर्चा कर उसका हालचाल जाना। मरीज को चलने-फिरने में परेशानी होने के कारण व्हील चेयर पर ही प्रभारी मंत्री ने उसे स्वयं ले जाकर संबंधित वार्ड में चिकित्सकों के पास पहुंचाया और चिकित्सकों से बेहतर उपचार के संबंध में चर्चा की।