अवैध रूप से फर्शी पत्थर के उत्खनन के तीन प्रकरणों में आरोपियों पर तीन-तीन हजार का जुर्माना

ग्वालियर, 08 नवम्बर। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ग्वालियर श्री महेन्द्र सेनी के न्यायालय ने घाटीगांव वन क्षेत्र से अवैध फर्शी पत्थर के उत्खनन के तीन अलग-अलग प्रकरणों में तीन आरोपियों को भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26(।)(छ) का दोषी पाते हुए तीनों आरोपीगणों को न्यायालय उठने तक की सजा व तीन-तीन हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।
अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी अभिषेक सिरोठिया ने घटना के बारे में बताया कि 16 मार्च 2013 को वन स्टाफ द्वारा कक्ष क्र.201 कुआखोरा स्थान पर उत्खनन की आवाजों को सुनकर वन स्टाफ पहुंचा, जहां वन स्टाफ द्वारा ऊधो पुत्र हलुके बघेल निवासी डाडा खिड़क के रूप में पहचाना, उक्त आरोपी जंगल का लाभ लेकर भाग गया। मौके पर उत्खनित पत्थर पाया गया तथा मौके से टांकी, हथौड़ा, व सब्बल जब्त किए गए। विचारण के दौरान न्यायालय द्वारा उक्त वन अपराध में आरोपी ऊधो पुत्र हल्के बघेल को अपराध में संलिप्त पाया तथा उसे न्यायालय उठने की सजा व तीन हजार रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
इसी प्रकार 16 जून 2014 को वन चौकी बसोटा रोड भटपुरा बीट जखौदा के कक्ष क्र.201 में अवैध रूप से उत्खनन की आवाज वन स्टाफ को सुनाई दी। वन स्टाफ द्वारा मौके पर जाकर एक व्यक्ति को पाया और पूछताछ करने पर उसने अपना नाम मुकेश पुत्र रमजुआ प्रजापति निवासी जखोदा होना बताया। मौके से लगभग छह घन मीटर ताजा पत्थर उत्खनित किया हुआ पाया गया। मौके पर घन, हथोड़ा, टांकी, आरोपी के पास से मिले। विचारण के दौरान न्यायालय द्वारा उक्त वन अपराध मे आरोपी मुकेश पुत्र रमजुआ प्रजापति को अपराध में संलिप्त पाया तथा उसे न्यायालय उठने की सजा व तीन हजार रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। इसी प्रकार छह अप्रैल 2013 को प्रभारी बन चौकी वसोटा को वन भ्रमण के दौरान कक्ष क्र.214 में वन भ्रमण के दौरान उत्खनन की आवाज सुनाई दी, मौके पर वन स्टाफ द्वारा आवाज का पीछा किया जहां एक व्यक्ति द्वारा उत्खनन में लिप्त मजदूरों को भगाा दिया वन स्टाफ द्वारा उक्त व्यक्ति की पहचान लखन पुत्र उत्तम गुर्जर निवासी वजारी खिटक पुलिस थाना भवरपुरा के रूप में की गई, मौके पर आरोपी जंगल का लाभ लेकर भाग गया। मौके पर करीब 10 सीएमटी फर्सी पत्थर व औजार जिनमें घन, हथोड़ा, टांकी, फांवड़ा जब्त किए गए। विचारण के दौरान न्यायालय द्वारा उक्त वन अपराध में आरोपी लखन पुत्र उत्तम गुर्जर को अपराध में संलिप्त पाया तथा उसे न्यायालय उठने की सजा व तीन हजार रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।