समाज में बदलाव लाने का कार्य कर रही हैं बेटियां : हिना कांवरे

कुशवाह समाज ने मनाई सावित्रीबाई फुले की जयंती, निकाला चल समारोह

भिण्ड 03जनवरी:-  कुशवाह समाज द्वारा राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले की जयंती बड़े धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर एक भव्य चल समारोह आयोजित किया गया, जो शहर के भारौली तिराहा से शुरू होकर डीजे की धुनों के साथ महापुरुषों की प्रतिमाओं के साथ निकला। यह चल समारोह बस स्टैंड, जिला अस्पताल,सिटी कोतवाली होते हुए एमजेएस कॉलेज पर समाप्त हुई। समारोह के समापन के बाद राजीव स्टेडियम परिसर में आमसभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में हिना कांवरे और विशिष्ट अतिथि के रूप में रक्षा सिहोनिया ने भाग लिया। कार्यक्रम का आयोजन कांग्रेस जिलाध्यक्ष मानसिंह कुशवाह और समाजसेवी लायक सिंह कुशवाह द्वारा किया गया। समारोह के दौरान मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि को आयोजकों की धर्मपत्नी ने चांदी का मुकुट भेंट कर उनका सम्मान किया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि हिना कांवरे ने अपने संबोधन में बेटियों की शिक्षा और सशक्तिकरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज की बेटियां हर क्षेत्र में अग्रणी हैं और समाज में बदलाव लाने का कार्य कर रही हैं। विशिष्ट अतिथि रक्षा सिहोनिया ने मंच से राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले के योगदान को सराहा और कहा कि उनकी शिक्षाएं हमेशा समाज को प्रेरित करती रहेंगी। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों और शिक्षा के महत्व पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम में पूर्व जिलाध्यक्ष जयश्रीराम बघेल, पूर्व लोकसभा प्रत्याशी देवाशीष जरारिया, चंद्रेश नरवरिया, लोकेंद्र गुर्जर, धर्मेंद्र कुशवाह सहित अन्य नेताओं और समाजसेवियों ने मंच से अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के आयोजक लायक सिंह कुशवाह ने मंच से अपने उद्वोधन में कहा कि सावित्रीबाई फुले का जीवन हर नागरिक के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने समाज को उनके मार्गदर्शन में आगे बढऩे की प्रेरणा दी और उनकी शिक्षा के महत्व को उजागर किया। इस आयोजन ने समाज में महिलाओं की शिक्षा, समानता और सशक्तिकरण के महत्व को एक बार फिर से रेखांकित किया और सभी उपस्थित लोगों को सावित्रीबाई फुले के योगदान से प्रेरित किया। कार्यक्रम का संचालन कर रहे कांग्रेस जिलाध्यक्ष मानसिंह कुशवाह ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की पहली महिला शिक्षक और समाज सुधारक थीं। उन्होंने न केवल महिलाओं की शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया, बल्कि उन्होंने समाज में फैली असमानताएँ और भेदभाव के खिलाफ भी अपनी आवाज़ उठाई। उन्हें राष्ट्रमाता का सम्मान प्राप्त है क्योंकि उन्होंने महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष किया और समाज में सुधार के लिए काम किया।