भिण्ड, 07 दिसम्बर। आलमपुर कस्बे के वार्ड क्र.सात में 2014 में 50 लाख की लागत से मौरियाऊ तालाब का निर्माण कराया गया था जो कस्बे के नागरिकों के लिए सुबह शाम घूमने और परिजनों रिस्तेदारो के साथ सेर सपाटे के लिए एक बहुत हीं आनंददायक जगह मानी जाती थी तालाब में बिच में पानी भरके फब्बारे लगाए गए थे और चारो और पाथवे बनाकर पेड और कुर्सियां लगाकर चारो और रंगबिरंगी लाइट लगाई गई थी, लेकिन अब कुछ भी ठीक नहीं है।
यहां बता दें कि तालाब असामाजिक तत्वों का अड्डा बनकर रह गया है। शाम होते हीं नशेडियों का जमाबडा लग जाता है। आए दिन कोई न कोई वारदात होती है। तालाब पर इस समय बरसात का पानी भरा है और गंदगी हीं गंदगी है। लाइट पूरी तरह से गायब है। बैठने के लिए लगाई गई कुर्सिया पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होकर टूट चुकी है। फब्बारे सालो से बंद है। तालाब का निर्माण 2014 में 50 लाख की लागत से किया गया था अगर 2014 से लेकर 2024 तक का तालाब के रखरखाव का हिसाब लिया जाए तो शायद निर्माण की लागत बराबर खर्च हो चुका होगा। लेकिन हालत बद से बत्तर है। तालाब में नप द्वारा तीन कर्मचारी नियुक्त किए गए है। अलग-अलग शिफ्ट में बाबजूद कैसे असामाजिक तत्व पहुंच रहे तालाब पर आज तक क्यों नहीं हुई कार्रवाई। आसपास के लोंगो का कहना कि तालाब पर कोई भी कर्मचारी नियमित नहीं बैठता। मैन गेट पर ताला लगा रहता है लोग बाउंड्रीबॉल लांग कर अंदर जाते है और कूछ भी करते है कोई रोक टोक करने वाला नहीं रहता। छत्रीबाग बस स्टैण्ड होल्कर छत्री के मैन गेट के सामने अहिल्या गार्डन बनी है। नप की जिसमें 6 हजार रुपए की नप की रशीद कटाकर गरीब और माध्यम परिवार अपनी शादी और अन्य कार्यक्रम करते है। जिसमें कुछ कमरे और ग्राउंड है लेकिन पिछली एक साल से अधिक समय से गार्डन की आगे की बाउण्ड्रीबॉल टूटी पडी। वही गार्डन लगे फब्बरे बंद है और गंदगी पटी पडी लेकिन न तो नप के अधिकारी ध्यान दे रहे न हीं जनप्रतिनिधि जिससे लोंगो को गार्डन में कार्यक्रम करने परेशानी हो रही है। उसका कई साल पहले लोकार्पण भी हो चका है पार्क के बाउण्ड्रीवॉल पर वाहर की साइड पूरी दीवाल पर टाइल्स लगनी थी लेकिन दीवारे आज भी आधी अधूरी है।