भिण्ड, 26 अक्टूबर। शा. महाविद्यालय मौ में एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित की गई। इस वेबिनार का विषय व्यक्तित्व विकास और चरित्र-निर्माण रहा जिसका विषय-प्रवर्तन डॉ. विकास कुमार ने किया।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अपने चरित्र का निर्माण करें। शा. महाविद्यालय मौ के प्राचार्य डॉ. ईश्वर सिंह डाबर ने मुख्य अतिथियों डॉ. के. रत्नम, अतिरिक्त संचालक ग्वालियर-चंबल संभाग ग्वालियर और डॉ. आरए शर्मा प्राचार्य पीएमश्री शा. एमजेएस महाविद्यालय भिण्ड का स्वागत किया। उन्होंने दोनों वक्ताओं डॉ. विवेकानंद नर्ताम सहायक प्राध्यापक श्यामलाल कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय दिल्ली और डॉ. शैलेन्द्र कुमार शर्मा प्राचार्य चौधरी चरणसिंह पीजी कॉलेज हेंवरा इटावा तथा सभी सहभागियों का स्वागत किया। डॉ. विकास कुमार ने सभी अतिथियों, वक्ताओं और सहभागियों का परिचय कराते हुए मंच संचालन किया। हमारे अग्रणी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आरए शर्मा ने आशीर्वचन दिया।
इस वेबीनार के पहले डॉ. विवेकांद नर्ताम ने व्यक्तित्व विकास पर हुए अध्ययनों का वैश्विक फलक स्पष्ट किया। उन्होंने नई शिक्षा नीति पर भी प्रकाश डाला। नई शिक्षा नीति के जो अनुभाग व्यक्तित्व विकास और चरित्र निर्माण से संबंधित थे, उन्होंने उनका विवेचन किया। उन्होंने संवेदनशीलता और यांत्रिकता में अंतर करते हुए समग्र विकास पर बल दिया। कार्यक्रम के दूसरे वक्ता डॉ. शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने भगवान बुद्ध और महावीर स्वामी के उदाहरण के माध्यम से सकारात्मक सोच और समानुभूति के विचार को व्यक्तित्व में समाहित करने के लिए कहा। डॉ. विकास कुमार ने मध्यकालीन हिन्दी साहित्य में व्यक्तित्व विकास के सहायक कारकों का नया अध्ययन किया। उन्होंने व्यक्तित्व विकास के विविध पहलुओं जैसे योग और सृजनात्मकता को भी स्पष्ट किया।