फसलों को उचित पोषण देता है एनपीके उर्वरक, भूमि में जैविक उर्वरकों का उपयोग बढाएं

– किसान भाईयों को एनपीके उर्वरक का उपयोग करने की सलाह
– संतुलित मात्रा में ही रासायनिक उर्वरकों का भूमि में उपयोग करें

भिण्ड, 10 अक्टूबर। एनपीके उर्वरक फसलों के उचित पोषण का काम करता है। इस उर्वरक में नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटास जैसे प्रमुख तत्व होते हैं। इसलिए किसान भाईयों को अपनी रबी की फसलों में एनपीके उर्वरक का उपयोग करना चाहिए।
उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग आरएस शर्मा ने यह सलाह जिले के किसान भाईयों को दी है।
उप संचालक कृषि शर्मा ने बताया कि फसलों के उचित पोषण के लिए नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटास जैसे तीनों प्रमुख तत्व जरूरी हैं। दलहन एवं तिलहनी फसलों के पोषण में सल्फर की भी जरूरत होती है, जो सिंगल सुपर फास्फेट व ट्रिपल फास्फेट उर्वरक से एक साथ प्राप्त होते हैं। फसलों के उचित पोषण में एनपीके उर्वरक संतुलन प्रदान कर पौधों के सर्वांगीण विकास में सहायक है। डीएपी उर्वरक में केवल दो तत्व नाइट्रोजन एवं फास्फोरस ही पौधों को प्राप्त होते हैं। फसलों की अच्छी वृद्धि और अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए किसान भाईयों से एनपीके 20:20:0, 20:20:0:13 व 12:32:16 एवं ट्रिपल सुपर फास्फेट (टीएसपी 48 प्रतिशत) जैसे उपयोगी एवं महत्वपूर्ण उर्वरकों का अधिक से अधिक उपयोग करने की अपील की गई है। साथ ही सलाह दी है की वैज्ञानिक अनुशंसा अनुसार ही भूमि में रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करें ज्यादा उर्वरक से भूमि को नुक्सान होता है जैविक खाद गोबर खाद का उपयोग भी भूमि के लिए बहुत ही उपयोगी है इससे भूमि में जीवाश्म की वृद्धि होती है। रासायनिक उर्वरकों की दर यूरिया 266.5, डीएपी 1350, एनपीके 12:32:16 रुपए 1470, एनपीके 16:16:16 रुपए 1250, एपीएस 20:20:0:13 रुपए 1200 किसान भाई उर्वरक की रशीद की मांग अवश्य करें।