दबोह में बाढ जैसे हालात देख लहार विधायक हुए सख्त

– बोले- जल्द करो समस्या का निदान

भिण्ड, 19 सितम्बर। दबोह नगर में कुछ घण्टों की बारिश ने नगर परिषद की पोल खोल दी और बुधवार को नगर में बाढ जैसे हालात पैदा कर दिए। जिसे देख लहार विधायक अम्बरीश शर्मा गुड्डू ने नगर परिषद सीएमओ दबोह प्रमोद बरुआ को जल्द से जल्द समस्या का निदान करने की बात कही।
दरअसल लहार विधायक अम्बरीश शर्मा गुड्डू लहार से आलमपुर एक कार्यक्रम में जा रहे थे, परंतु दबोह में मुख्य मार्ग पर पानी की स्तिथि देख वह नाराज हुए और मौके पर सीएमओ को बुलाकर हुए जलभराव की समस्या से जल्द निपटने की बात कही। उन्होंने कहा कि आज नगर में जो हालांत हैं वह अच्छे नहीं हैं, आम जनता बारिश की वजह से काफी परेशान व डरी हुई है, क्योंकि बीते रोज हुई बारिश में भी कई लोगों का नुकसान हो गया था, इसलिए जल्द ही इस समस्या को दूर कीजिए।
बारिश बंद होने के बाद भी नगर में बढता रहा जलस्तर

ज्ञात रहे कि बुधवार को हुई बारिश के बाद दबोह में बाढ जैसे हालात पैदा हो गए और कई दुकानों-मकानों में जलभराव से काफी नुकसान हो गया। नगर में बारिश बंद होने के बाद लगातार मुख्य मार्ग पर जलस्तर बढता रहा है पर जिम्मेदार हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे और देखते ही देखते भिण्ड-भाण्डेर रोड पर पानी का स्तर इतना बढ गया कि लोगों की कमर तक डूबने लगी। परंतु फिर भी रात से पहले नगर परिषद ने कोई भी सफाई की योजना नहीं बनाई, जिससे इन हालातों से बाहर निकला जा सके।
सूत्रों की मानें तो उसके बाद रात में नायब तहसीलदार रमाशंकर शर्मा ने नगर में जलभराव की स्तिथि का जायजा लिया और तत्काल सीएमओ प्रमोद बरुआ को कॉल कर सफाई करने की बात कही। तब जाकर नगर परिषद के कर्मचारियों ने आकर मोर्चा संभाला और नगर के मुख्य नालों की सफाई जेसीबी द्वारा कराई गई, जिसकी वजह से मुख्य मार्ग पर सुबह हालात सामान्य हुए और सफाई होने के समय ही लहार विधायक का काफिला निकला, जिसे देख उन्होंने सीएमओ दबोह से जल्द पानी की निकासी कराने की बाद कही।
जिम्मेदारी समझते तो शायद न बनते बाढ जैसे हालात
कुछ ही दिनों में दो बार ऐसी झमाझम बारिश हुई कि जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया और लोगों का काफी नुकसान हो गया। अगर जिम्मेदार अधिकारी की नींद नहीं टूटी, यदि अपनी जिम्मेदारी समझते तो शायद आज यह हालत पैदा न होते। सूत्र बताते हैं कि नगर परिषद ने नगर में बडे नाले और नालियों की सफाई में सिर्फ औपचारिकता की है, क्योंकि अगर बडे नाले-नालियों की सफाई सुचारू रूप से होती रहती तो शायद नगर के हर गली मोहल्ले में बाढ जैसे हालात पैदा नहीं होते।