– निचली बस्तियों में घर खाली कराकर छात्रावास में ठहराया
– बरसात से कई घर धराशायी व क्षतिग्रस्त, फसलों को भी नुकसान
भिण्ड, 19 सितम्बर। आलमपुर सहित ग्रामीण इलाके में गत मंगलवार एवं बुधवार को हुई जोरदार बारिश के कारण आलमपुर क्षेत्र के कई प्रमुख मार्गों पर बने पुल एवं पुलिया अभी भी पानी में डूबी हुई हैं। जिससे इन मार्गों पर पैदल निकलने वाले लोगों एवं वाहनों का आवागमन पूरी तरह से बंद है। लेकिन गुरुवार को आलमपुर-रूरई मुख्य मार्ग पर कुदवाए के डूबे हुए पुल से एक दूध टैंकर चालक ने दूध का टैंकर निकालने का प्रयास किया। इसी दरम्यान दूध का टैंकर बीच पुल पर पानी की धार में फंस कर रह गया। गनीमत यह रही कोई हादसा नहीं हुआ। जिस समय कुदवाए के पुल पर टैंकर फंसा उस समय पुल पर पांच फीट से ज्यादा पानी चल रहा था। बताया जाता है कि इस डूबे हुए पुल से कई लोग अपनी जान जोखिम में डालकर निकल रहे हैं।
आलमपुर-रूरई मुख्य मार्ग पर बने कुदवाए के पुल पर अत्याधिक पानी होने के कारण इस मार्ग पर पिछले दो दिन से पैदल निकलने वाले लोगों एवं वाहनों का आवागमन पूरी तरह से बंद है। कुदवाए पर बने पुल के डूबने से अरूसी, रूरई, इटौदा, बिडरा, बेरखेडा, ररूआ, भडेरी इत्यादि गांव का आलमपुर से संपर्क कट गया है। इन गांव के लोगों को करीब 35 किमी का चक्कर लगाकर जगदीशपुरा, दबोह होते हुए आलमपुर आना-जाना पड रहा है। इधर सोनभद्रिका नदी उफान पर चलने के कारण खिरिया घाट, भांपर तथा जौरी में बने पुल डूबने के कारण इन पुलों से पैदल व वाहनों का निकलना पूरी तरह से बंद है।
आलमपुर नगर में सोनभद्रिका नदी का उफान पर चलने के कारण निचली बस्तियों में निवास करने वाले सूखे रायकवार, छोटेलाल वाल्मीक, हरीओम वाल्मीक, राकेश दुवे इत्यादि को परिजनों सहित बुधवार की रात्रि में स्थानीय छात्रावास में ठहराया गया है। जिन्हें नगर परिषद आलमपुर द्वारा खाने की सामग्री वितरण की गई है। आलमपुर सहित ग्रामीण अंचल में बारिश के कारण जहां किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है, तो वहीं अनेक कच्चे मकान धराशायी व क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जिससे लोगों का खाने पीने और घर ग्रहस्थी का सामान बर्बाद हो गया है।