12 दिन बाद भी आरोपित से जब्त नहीं की बंदूक : बरुआ

किसान संघर्ष समिति के कार्यालय पर प्रेसवार्ता आयोजित

भिण्ड, 16 अक्टूबर। मेरे भाई को जान से मारने की नियत से राइफल से फायर किया गया। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस गोली चलाने वाले युवक को गिरफ्तार कर थाने ले गई। तीन दिन थाने में बंद रखने के बाद पुलिस ने बिना कार्रवाई किए युवक को छोड़ दिया। यहां तक कि इस घटना के आज 12 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने आरोपित से बंदूक तक जब्त नहीं की है। यह आरोप किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव बरुआ ने शनिवार को अपने निज निवास पर प्रेसवार्ता आयोजित कर लगाए हैं।
किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि पांच अक्टूबर को मेरे घर के पास में सड़क का निर्माण कार्य कराया जा रहा था। सड़क की ढ़लान मेरे खेत में होने को लेकर जब मेरा भाई सुबह 11:45 संबंधित ठेकेदार से बात कर रहा था, तभी घर के पास में रहने वाला मोनू शर्मा रंगदारी दिखाता हुआ मेरे भाई से विवाद करने लगा। जब मेरे भाई ने उससे विवाद न करने की बात कही तो वह गुस्से में झल्लाता हुआ अपने घर की ओर भागा। इसके बाद उसने अपनी छत पर खड़े होकर मेरे भाई पर राइफल से दो फायर कर दिए। बंदूक की एक गोली मेरे भाई के कान के पास से होकर निकली गई। किसी तरह से मेरा भाई ने अपनी जान बचाई। इसके बाद मौके पर सीएसपी और देहात टीआइ पुलिस बल के साथ पहुंचे। उन्होंने गोली चलाने के मुझसे साक्ष्य मांगे। जिसके बाद मैंने गोली चलाने वाले युवक का फोटो पुलिस को उपलब्ध कराया। इसके बाद दोनों अधिकारियों ने मुझे इस मामले की जांच कर दोषी पर सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। लेकिन आज 12 दिन बीत जाने के बाद भी न तो आरोपित से राइफल जब्त की गई और न ही आरोपित पर कार्रवाई की गई। इससे साफ है कि पुलिस आरोपी का बचाव करने में जुटी हुई है।

तीन दिन में कार्रवाई नहीं तो होगी भूख हड़ताल

किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव बरुआ ने कहा कि अगर दिन दिन के भीतर आरोपित पर मामला दर्ज कर उससे राइफल जब्त करने की कार्रवाई नहीं की गई तो 19 अक्टूबर को मैं सीएसपी कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल पर बैठूंगा। क्योंकि पुलिस को मेरे द्वारा आरोपित के खिलाफ कई साक्ष्य दिए जा चुके हैं। लेकिन इसके बाद भी पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। बरुआ ने बताया कि आरोपी पर पुलिस द्वारा अगर जल्द ही कोई कार्रवाई नहीं की गई तो मेरे पूरे परिवार की जान को खतरे का सामना करना पड़ सकता है। जबकि आरोपी का ससुर लगातार राजीनामा का दबाव बना रहा है और कबूल कर रहा है गोली तो चल गई लेकिन कार्रवाई अब नहीं करोगे।