भिण्ड, 24 अगस्त। मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/ अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड राजीव कुमार अयाची के आदेशानुसार एवं जिला न्यायाधीश/ सचिव जिविसेप्रा भिण्ड हिमांशु कौशल की अध्यक्षता एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी भिण्ड सौरभ कुमार दुबे की उपस्थिति में पास्को एक्ट 2012 (वाणिज्यिक यौन शोषण पीडितों के लिए विधिक सेवाएं योजना 2015) के संबंध में एवं नालसा बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं योजना प्रदाय किए जाने के संबंध में वनस्टॉप सेंटर भिण्ड एवं बाल गृह अटेर रोड भिण्ड में विधिक साक्षरता एवं जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया।
वनस्टॉप सेंटर भिण्ड में आयोजित शिविर में उपस्थित जिला न्यायाधीश/ सचिव हिमांशु कौशल ने महिलाओं का वाणिज्यिक यौन शोषण, घरेलू-हिंसा, पॉक्सो एक्ट आदि विषयों पर जानकारी देते हुए बताया कि महिलाओं को उनके ऊपर हो रही किसी भी प्रकार की हिंसा को सह कर समाज में महिलाओं के प्रति हिंसा को बढावा नहीं देना चाहिए, बल्कि निडर होकर न्यायोचित तरीके से अपने अधिकारों को प्राप्त करना चाहिए, इसके साथ ही समाज में किसी अन्य महिला के साथ हो रही हिंसा के विरुद्ध भी आवाज उठाते हुए पीडिता को सही मार्गदर्शन प्रदाय करते हुए उसकी हर संभव मद्द करनी चाहिए तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से उस महिला को उचित न्याय प्राप्त करने हेतु जागरुक करना चाहिए। न्यायाधीश एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी ने वनस्टॉप सेंटर परिसर का निरीक्षण भी किया तथा परिसर में मिल रही मूलभूत सुविधाओं का जायजा भी लिया।
इसी कडी में बाल गृह अटेर रोड भिण्ड में आयोजित शिविर में जिला न्यायाधीश हिमांशु कौशल ने नालसा की बालकों के लिए मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं योजना 2015 के अंतर्गत बाल अधिकार अधिनियम, 2005 के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों के अधिकारों के संरक्षण हेतु राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय बाल सुरक्षा अधिकार आयोग (एनसीपीसीआर) तथा राज्य स्तर पर राज्य बाल सुरक्षा अधिकार आयोग (एससीपीसीआर) का गठन किया गया है। उक्त दोनों सस्थाएं मुख्यत: बच्चों से संबंधित कानूनों के क्रियान्वयन तथा भारत सरकार एवं राज्य सरकारों को बच्चों से संबंधित पॉलिसी पर सलाह प्रदान करती हैं। कार्यक्रमों में वन स्टॉप सेंटर का समस्त स्टाफ एवं पीएलव्ही भिण्ड सुनीता भदौरिया उपस्थित रहे।