बच्चे कानूनी रूप से बनें साक्षर

– विधिक साक्षरता एवं जागरुकता शिविर आयोजित

भिण्ड, 11 जुलाई। मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/ अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड राजीव कुमार अयाची के आदेशानुसार एवं जिला न्यायाधीश/ सचिव जिविसेप्रा भिण्ड हिमांशु कौशल के मार्गदर्शन में केडीआर विद्या निकेतन हाईस्कूल भिण्ड में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन मुख्य रूप से जिला न्यायाधीश भिण्ड दिनेश कुमार खटीक की अध्यक्षता में एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी भिण्ड सौरभ कुमार दुबे की उपस्थिति में नालसा (वाणिज्यिक यौन शोषण पीडि़तों के लिए विधिक सेवाएं योजनाएं 2015) के अंतर्गत पॉक्सो एक्ट 2012 एवं गरीबी उन्मूलन योजना एवं पोस्ट ऑफिस के माध्यम से विधिक सेवाएं योजना प्रदान किए जाने के आलोक में विधिक साक्षरता एवं जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया।

शिविर में न्यायाधीश द्वारा विद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं को पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत बच्चों के साथ होने वाले साइबर अपराधों जैसे- हनी ट्रैप, ऑन लाइन पीछा करना, ट्रोलिंग, फिसिंग आदि के बारें में सरलतम भाषा में जानकारी दी गई तथा ऐसे किसी भी अपराध के संबंध में सबसे पहले अपने माता-पिता या अभिभावक को अवगत कराए तथा किसी भी अनजान नंबर से वीडियों कॉल न उठाएं। यदि कोई ऐसा अपराध किसी के साथ गठित होता है तो वह संबंधित थाने की साइबर सेल में शिकायत दर्ज करा सकता है। छह से 14 साल की उम्र के हरेक बच्चे को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है। शिक्षा के क्षेत्र में किस प्रकार से बच्चे प्रगति कर सकते हैं एवं अपने देश का नाम रोशन कर सकते हैं इस बारें में भी समझाया गया एवं बच्चें अनुशासन का पालन करके एवं शिष्टाचार को किस प्रकार अपने व्यवहार में लाएं इस बारे में भी अवगत गया, इसके साथ ही सभी बच्चों को चाईल्ड हेल्प लाईन नं.1098 के संबंध में भी जानकारी दी तथा आज के इस दौर में किशोर अवस्था में बालक नशे की तरफ बड़ी आसानी से अग्रसर हो जाता है। इस उम्र में बालक में समझने-बूझने की क्षमता कम होती है तथा वह अपने साथियों के साथ मिलकर नशे जैसे बीड़ी, तंबाकू, सिगरेट, गुटका आदि से शुरुआत कर ड्रग सेवन तक पहुंच जाता है। ऐसा करते हुए वह जाने-अनजाने विभिन्न प्रकार के अपराधों को कारित करता है। इस अवसर पर स्कूल के संचालक, समस्त स्टाफ, बच्चे तथा पीएलव्ही भिण्ड मंजर अली उपस्थित रहे।