मच्छरों की रोकथाम के लिए घरों के आसपास न जमा होने दें पानी

-मच्छरों के पनपने से होती हैं गंभीर बीमारियां, इसलिए मच्छरों का लार्वा ही न होने दें

भिण्ड, 10 जुलाई। हमारे घर के आसपास जहां कहीं साफ पानी जमा हो जाता है, वहीं पर मच्छर अपने अंडे छोड देते हैं। इसके बाद लार्वा मच्छरों में तब्दील हो जाता है और मच्छरों के काटने से गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए समय समय पर रुके हुए पानी को बदलते रहना चाहिए। इसके साथ ही बहते हुए पानी में मच्छर अण्डे नहीं देते हैं। यह बात जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. डीके शर्मा ने आयोजित कार्यशाला में दी।
बुधवार को जिला मलेरिया कार्यालय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. डीके शर्मा ने बताया कि इस समय बरसात का मौसम चल रहा है और अब मच्छरों के पनपने की संभावना बढने लगी है। इसलिए जरूरी है कि मच्छरों के पनपने से पहले ही ऐसी तैयारी कर ली जाए कि उनकी पैदावार ही रुक जाए। क्योंकि मच्छरों का डंक कभी कभी गंभीर बीमारियों को जन्म दे जाता है, जो जानलेवा भी साबित हो सकता है। भारत में मुख्य रूप से मलेरिया, डेंगू, चिकिनगुनिया और हाथी पांव जैसी बीमारियां मच्छरों के काटने से ही होती हैं। अगर घर पर रखे हुए कूलर, पानी की टंकी में मच्छरों के लार्वा दिखाई दें तो उसमें मिट्टी का तेल डालकर या फिर पानी को बहाकर उन्हें नष्ट किया जा सकता है। बहते हुए पानी में मच्छर कभी भी अण्डे नहीं देते हैं इसलिए रुके हुए पानी को खाली करते रहना चाहिए। सोते समय मच्छर दानी का प्रयोग करना चाहिए, मच्छर भगाने वाली क्रीम या ऑल आउट जैसी कॉइल इस्तेमाल करना चाहिए।
मलेरिया से ज्यादा मिले डेंगू के मरीज
आयोजित कार्यशाला में डॉ. डीके शर्मा द्वारा जो डाटा उपलब्ध कराया गया है, उसमें भिण्ड जिले में डेंगू के जनवरी 2024 से जून माह तक कुल 18 केस सामने आए हैं। वहीं मलेरिया की बात करें तो इसके कुल चार मरीज सामने आए हैं और चिकिन गुनिया का एक भी मरीज पीडित नहीं पाया गया है। लेकिन ऐहतियात के तौर पर मच्छरों से सावधानी रखना बेहद जरूरी है, जिससे समय रहतेे बीमारियों से बचा जा सके।