स्वामी विवेकानंद ने भारत को नई चेतना प्रदान की : शुक्ला

राष्ट्रीय सेवा योजना ने मनाया राष्ट्रीय युवा सप्ताह

भिण्ड, 19 जनवरी। शा. महाविद्यालय मेहगांव की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा राष्ट्रीय युवा सप्ताह के अंतर्गत गतिविधियों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर छात्रों को सूर्य नमस्कार, योग एवं ध्यान तथा 27वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव नासिक महाराष्ट्र के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री के भाषण का सीधा प्रसारण भी दिखाया गया। साथ ही भारतीय संस्कृति के राजदूत स्वामी विवेकानंद से छात्र-छात्राओं को प्रेरणा लेने के लिए व्याख्यान कार्यशाला का भी आयोजन किया गया।
व्याख्यान कार्यक्रम में मुख्य वक्ता अधिवक्ता देवेश शुक्ला ने छात्र-छात्राओं को बताया कि 19वीं शताब्दी में विश्व के सामने भारत के आध्यात्मिक विचारों और संस्कृति को अपनी बौद्धिक कुशलता से विश्व में विजय पताका फहराने वाले सन्यासी स्वामी विवेकानंद ने भारत को नई चेतना से भर दिया। उन्होंने आध्यात्मिक भारत की प्राचीन संस्कृति सर्वधर्म समभाव का भाव प्रदान करने के साथ ही स्वाधीनता में भी अपना अतुलनीय योगदान दिया।
अधिवक्ता रामहरि शर्मा ने कहा कि स्वामीजी ने भारत की युवा शक्ति का आह्वान करते हुए कहा था मैं नहीं, तुम, उनका विचार था कि स्वर्ग और नरक है या नहीं, आत्मा है या नहीं कोई अनुश्वर सत्ता है या नहीं- इसकी मैं कभी परवाह नहीं करता क्योंकि हमारे सामने यथार्थ संसार है जो दुखों से भरा हुआ है। बुद्ध के समान इस संसार में गोता लगाकर या तो इस संसार के दुखों को दूर करो या इस कोशिश से प्राण त्याग दो। अपने को भूल जाओ तुम आस्तिक हो या नास्तिक हो या वेदांती, ईसाई हो या मुसलमान प्रत्येक के लिए एक ही यथार्थ सत्य है वह सत्य धर्म है। अधिवक्ता अजमेर सिंह नरवरिया ने भी स्वामी विवेकानंद के प्रसंग से छात्र-छात्राओं को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। वास्तव में स्वामी विवेकानंद आधुनिक मानव के आदर्श प्रतिनिधि है विशेष कर भारतीय युवाओं के लिए स्वामी विवेकानंद से बढकर दूसरा कोई नेता नहीं हो सकता। राष्ट्रीय युवा सप्ताह के अंतर्गत भाषण प्रतियोगिता एवं स्वामी विवेकानंद के साहित्य की प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। यह साप्ताहिक कार्यक्रम प्राचार्य डॉ. आरके डाबरिया के निर्देशन में एवं कार्यक्रम अधिकारी डॉ. गिरिजा नरवरिया द्वारा स्टाफ के सहयोग से आयोजित किया गया।