गोली मारकर हत्या करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास

दूसरे आरोपी को आम्र्स एक्ट में एक वर्ष की सजा

सागर, 09 जनवरी। विशेष न्यायाधीश (पीओए) जिला सागर प्रदीप सोनी के न्यायालय ने गोली मारकर हत्या करने वाले आरोपी निखिल उर्फ कल्लू यादव को धारा 302 भादंवि के तहत आजीवन कारावास एवं दो हजार रुपए अर्थदण्ड, एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(2)(5) में आजीवन कारावास एवं दो हजार रुपए अर्थदण्ड, आम्र्स एक्ट की धारा 25(1-बी)(ए) में एक वर्ष के साधारण कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड एवं आरोपी गुड्डे उर्फ दिनेश यादव को धारा 25(1-बी)(ए) में एक वर्ष के साधारण कारावास एवं एक हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी शिवसंजय ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि गोलू दबाडे ने चार अगस्त 2019 को अपने दोस्त से कि कल पांच अगस्त को बण्डा पैसा लेने चलना है, शाम करीब पांच बजे एसडीएम आफिस के पास मिलना, वहीं से साढे पांच-छह बजे बण्डा निकलेंगे, मृतक पांच अगस्त को शाम करीब पांच बजे अपनी बुलेट मोटर साइकिल से एसडीएम आफिस पहुंचा तथा लोकसेवा केन्द्र के बाहर पेड के नीचे गाडी खडी करके खडा हो गया, तभी वहीं पर दिलीप दबाडे भी आ गए और पूछन लगे कि यहां कैसे खडे हो, तो उसने बताया कि गोलू के साथ बण्डा जाना है, इसलिए गोलू का इंतजार कर रहा हूं। उसके बाद दोनों ने देखा कि अभियुक्त गुड्डे यादव काले रंग की बोलेरो गाडी में बैठे थे और एसडीएम कार्यालय से किशोर न्यायालय तरफ जाने वाले रास्ते में खडे हो गए करीब पांच मिनिट बाद निखिल यादव भी एक महरून रंग की इंडिगो माजा गाडी से आए। शाम करीब 5.30 बजे गोलू दबाडे एसडीएम ऑफिस से बाहर निकला तो निखिल यादव ने गोलू दबाडे को गाली मारी, फिर वह तथा दिलीप दोनों उनकी तरफ दौडे तो दोनों वहां से भाग गए। हम दोनों ने उनका पीछा किया तो वे गाडी में बैठकर भाग गए। गोलियां लगने से गोलू दबाडे की मौके पर ही मृत्यु हो गई, खून से लथपथ पडा है, उसे पीठ व सिर में गोलियां लगी। पुरानी रंजिश की वजह से गोलू दबाडे की गोली मारकर हत्या कर दी है। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना सिविल लाइन पुलिस ने भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 302, 34 व 25/27 आम्र्स एक्ट का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पीओए) प्रदीप सोनी के न्यायालय ने आरोपियों को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।