शा. महाविद्यालय मेहगांव में रासेयो ने एड्स से बचाव का दिया संदेश
भिण्ड, 01 दिसम्बर। शा. महाविद्यालय मेहगांव की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने रेड रिबन क्लब द्वारा छात्र-छात्राओं ने एचआईवी/ एड्स के प्रति जागरुकता हेतु शपथ लेकर एड्स से बचाव ही सुरक्षा का संदेश दिया।
इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. आरके डवरिया ने बताया कि भारत सरकार द्वारा एड्स उन्मूलन की दिशा में लगातार कठिन प्रयास किया जा रहे हैं। एड्स का पूरा नाम एक्वायडर इम्यूलनो डेफिसिएंशी सिंड्रोम है और यह एक तरह का विषाणु है, जिसका नाम एचआईवी है। एचआईवी एक ऐसा वायरस है जिस पर लोग बोलने से भी डरते हैं, क्योंकि यह निम्न कारणों से व्यक्ति को अपना ग्रास बना लेता है। असुरक्षित तरीके से यौन संबंध बनाने से, असुरक्षित तरीके से रक्त चढाने से, इंजेक्शन की सुई का एक से अधिक व्यक्तियों पर इस्तेमाल करने से, एड्स से पीडित महिला द्वारा स्तनपान कराने से, एड्स से संक्रमित मां से उसके होने वाली संतान को भी हो सकता है। आदि ऐसे कारण हैं जिनसे एचआईवी फैलता है। एचआईवी एक प्रकार से जानलेवा इंफेक्शन से होने वाली गंभीर बीमारी है। इस रोग में जानलेवा इंफेक्शन व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर हमला कर उसे कमजोर बना देता है, लेकिन एड्स से पीडित व्यक्ति को उपचार के बाद लंबा जीवन जी सकता है, क्योंकि यह साथ खाना खाने या हाथ मिलाने से नहीं फैलता। इसका एकमात्र उपाय सुरक्षा ही है।
कार्यक्रम अधिकारी डॉ. गिरिजा नरवरिया ने बताया कि एड्स के प्रति आज के युवा वर्ग को इसकी उत्पत्ति एवं प्रसार के बारे में बताया जाना जरूरी है, ताकि देश का युवा वर्ग इस महामारी की चपेट में आने से बच सके। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम की शुरुआत की गई, प्रत्येक वर्ष एक सितंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इस दिन को विश्व भर के लोग एड्स विरोधी अभियान में अपनी एकजुटता दिखाते हैं एवं एड्स प्रभावित लोगों के साथ अपनी खुशियों को भी सांझा करते हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मप्र शासन द्वारा जागरुक करने का अभियान चलाया जा रहा है। कार्यक्रम में कॉलेज का स्टाफ एवं एनएसएस की स्वयं सेविका भूरी और शिल्पी उपस्थित रहे।