कृषि विरोधी कानून के विरोध में संयुक्त मोर्चा ने गोहद में निकाली रैली

भिण्ड, 27 सितम्बर। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार को वामपंथी दलों, आम आदमी पार्टी, सपा के अलावा कांग्रेस द्वारा संयुक्त रूप से भारत बंद समर्थन मेें गोहद के बाजार में रैली निकाली गई। संयुक्त मोर्चा के नेताओं ने मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। भारत बंद के समर्थन में अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति व नौजवान सभा, सीटू ने भी झण्डे को लेकर मोर्चा संभाला। सदर बाजार, सती बाजार, गंज बाजार, पुराने बस स्टैण्ड से लेकर नए बस स्टैण्ड तक रैली निकाली गई। रैली के दौरान बाजार चौराहे पर सभा कर भारत बंद के लिए व्यापारी दुकानदार भाइयों से समर्थन मांगा गया। जिसमें दुकानदारों ने अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद कर किसान आंदोलन में सहभागिता की।

बामदल के नेता सभा करते हुए

इस मौके पर गोहद के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष प्रेम नारायण माहौर, नौजवान सभा के भूपेन्द्र सिंह गुर्जर, किसान सभा के राजेश शर्मा, सीटू के रसीद खां, अखिल भारतीय महिला समिति की शोभा माहौर और आम आदमी पार्टी के आबिद अली, सपा के देवेन्द्र शमार्, भाकपा के हरीशंकर, खेतिहर-मजदूर यूनियन के राजेन्द्र कुशवाह, कांग्रेस से शैलेन्द्र गुर्जर ने सभा को संबोधित किया।

कांग्रेस के नेता ज्ञापन सौंपते हुए

वक्ताओं ने मोदी सरकार की तीखी आलोचना करते हुए किसान विरोधी कानून वापस लिए जाने की मांग की। सभी वक्ताओं ने कृषि विरोधी कानून से होने वाले नुकसान के बारे में बताया और कहा कि इसके लागू होने से खेती किसानी बर्बाद हो जाएगी, मण्डियां समाप्त होकर निजी कंपनियों का खरीद केन्द्रों पर कब्जा हो जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने विद्युत अधिनियम 2020 वापस लिए जाने की भी मांग की, इस दौरान गोहद नगर निरीक्षक को राष्ट्रपति के नाम मोर्चा के नेताओं ने ज्ञापन सौंपा। जिसमें सभी ने हाट बाजार बाहन वसूली ठेका निरस्त किए जाने की मांग की। विभिन्न राजनीतिक दलों के हस्ताक्षर युक्त राष्ट्रपति के नाम दिए गए ज्ञापन के अनुसार 2014 में मप्र में डीजल 50 रुपए, पेट्रोल 66 रुपए लीटर था, वर्तमान में पेट्रोल 110 रुपए और डीजल 98 रुपए लीटर है। प्रति लीटर पेट्रोल पर 44 रुपए, डीजल पर 48 रुपए मोदी सरकार द्वारा वृद्धि की गई है, रसोई गैस 2014 में 410 रुपए प्रति सिलेण्डर दाम थे, वर्तमान में 950 रुपए से ऊपर तक गैस सिलेंडर दिया जा रहा है। किसान विरोधी तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली सीमाओं पर 10 माह से किसान आंदोलन चल रहा है, मोदी सरकार कानून वापस लेने की बजाय दमन का सहारा ले रही है। 700 से ज्यादा किसान शहीद हो चुके हैं, झूठे मुकद्दमे लगा कर जेलों में डाला जा रहा है। इस प्रकार 11 सूत्री मांगों को लेकर भारत बंद के समर्थन में गोहद बंद किया गया।
इस अवसर पर गंगाप्रसाद माहौर, मुन्नालाल कुशवाहा, हरज्ञान माहौर, बदन सिंह कुशवाहा, जितेन्द्र प्रजापति, कमल प्रताप सिंह तोमर, फरमान खान, सुनील माहौर, हरेन्द्र राठौर, राजेन्द्र सिंह राठौर, बेनीराम प्रजापति, गिर्राज ओझा, गंगाराम कुशवाहा, देवाराम कुशवाहा, आकाश माहौर, गोलू माहौर, ज्ञानाबाई प्रजापति, मुन्नीबाई प्रजापति, मलाबाई, पूनम बाथम, विद्या बाथम, मंजू माहौर, शांताबाई माहोर, चमेली प्रजापति, सरोज श्रीवास, शीला कुशवाहा, भारती कुशवाहा, शीला प्रजापति, प्रमोद राठौर, राजेश राठौर, हरिशंकर माहौर, विजय सिंह, डॉ. केपी गोड, साविर खान, गुलजार पठान सहित भारी संख्या में आमजन उपस्थित थे।