बुराइयों की आहुति देना ही सच्चा यज्ञ : दीपा दीदी

गोल्डन वल्र्ड रिट्रीट सेंटर में चल रहे श्रीमद् भागवत गीता ज्ञान यज्ञ

भिण्ड, 09 अक्टूबर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय मालनपुर के गोल्डन वल्र्ड रिट्रीट सेंटर में चल रहे श्रीमद् भागवत गीता ज्ञानयज्ञ के सातवे दिन राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी दीपा दीदी ने बताया कि हमें अगर जीवन में मित्र हो तो स्वयं परमात्मा को बनाना चाहिए, क्योंकि एक परमात्मा ही है जो नि:स्वार्थ भाव से हम सबके लिए सोचता है। सुख-दुख में हमारा साथी बनता है। देखा जाए तो कलयुग रूपी दुनिया में मित्रता सिर्फ स्वार्थ की रह गई है, स्वार्थ के बिना आज कोई मित्रता भी नहीं करता। जाति-पाती की मित्रता रह गई है। आज कथा में श्रीकृष्ण और सुदामा की सच्ची मित्रता की कहानी सुनाई गई। नन्हे-मुन्ने बाल कलाकारों ने सुदामा चरित्र की लीला भी की।
दीदी ने बताया कि हमें दान करना है तो सबसे अच्छा समय का दान है, हमें हर रोज परमात्मा को कम से कम एक घण्टा समय का दान देना चाहिए। परमात्मा का ध्यान करना चाहिए, अगर हम ऐसा करते हैं तो हमारे जीवन में सुख समृद्धि बढ़ती जाएगी और आत्मा की ज्योति प्रफुल्लित होती जाएगी। भगवान इतने दयालु हैं कि वो लेते कुछ नहीं, लेकिन बदले में देते ही देते हैं। भगवान को हम कुछ दे तो नहीं सकते, लेकिन हम उनको जो कुछ भी देते हैं, भगवान उसके बदले में हमें उसका लाख गुना देते हैं।
ब्रह्मा कुमारीज की संचालिका ज्योति बहन ने बताया कि त्याग से ही भाग्य बनता है, त्याग ही सर्वश्रेष्ठ है। दीनदयाल नगर संचालिका ब्रह्माकुमारी मंजरी बहन ने यज्ञ का पूरा महत्व बताया और कहा कि सच्चा यज्ञ वही है जिसमें हम घी तेल जौ के साथ-साथ अपने अंदर की बुराईयों को भी स्वाहा करें। कथा के समापन पर उन्होंने पूर्णाहुति के रूप में सभी भाई बहनों को कम से कम एक-एक बुराई त्याग करने को कहा। कार्यक्रम में संस्था से नीलेश भाई, महेश भाई, सतनाम भाई, जानकी बहन, दीपिका बहन, पूजा बहन, मोहिनी बहन एवं अतिथि के रूप में सेवानिवृत्त इंजीनियर टीडी वर्मा, सूर्या फैक्ट्री के मुकुल चतुर्वेदी , सुप्रीम फैक्ट्री के प्रभात भाई, दिनेश, योगेश सिंह चौहान एवं अन्य कंपनियों से भी विशिष्ट नागरिक उपस्थित थे।