सुख हो या दु:ख भगवान की भक्ति में कभी पीछे नहीं हटते : विनय सागर

पर्यूषण पर्व पर 64 मण्डलीय सिद्धचक्र महामण्डल विधान शुरू

भिण्ड, 19 सितम्बर। इस दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति जो कुछ भी प्राप्त करता है वह भगवान की कृपा से प्राप्त करता है, जब वह कुछ पाने की ललक में रहता है तब वह यह भूल जाता है कि भगवान से हमें यह चीज मांगनी चाहिए या नहीं। भगवान की कृपा से उसकी पूर्ति भी हो जाती है। पूर्ति होने के बाद जो व्यक्ति अपने भगवान के उपकार को भूल जाता है वही संसार में भटकता रहता है। किंतु जो व्यक्ति संसार की हर एक वस्तु को पाकर की भगवान को कभी नहीं भूलता है, वह हमेशा सुख शांति से जीवन व्यतीत करता है। यह बात श्रमण मुनि विनय सागर महाराज ने मंगलवार को महावीर कीर्तिस्तंभ परिसर में पर्यूषण महापर्व के प्रथम दिन उत्तम क्षमा ओर सिद्धचक्र महामण्डल विधान के शुभारंभ पर धर्मसभा में कही।
मुनि विनय सागर महाराज ने कहा कि हम बचपन से लेकर अब तक हमेशा भगवान की भक्ति करते हैं। सुख हो या दुख भगवान की भक्ति में हम कभी पीछे नहीं हटते। भगवान ने आपको सब कुछ दिया है तो बदले में हमने भगवान को क्या दिए हैं इस बात पर विचार करने वाला व्यक्ति निश्चित रूप से धर्मात्मा बन जाता है और भगवान की भक्ति करने लगता है। हमारे पास जो कुछ भी है भगवान की कृपा से आया है, इसलिए हम संसार में रहे किंतु भगवान की भक्ति को ना छोडें। उन्होंने कहा कि हम अपने जीवन में संसार के विषयों में हमेशा जागृत रहते हैं, किंतु भगवान की भक्ति में सोए रहते हैं।
इन्द्रों ने किया भगवान जिनेन्द्र का अभिषेक, हुई बृहद शांतिधारा
प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि श्रमण मुनि विनय सागर महाराज ससंघ के सानिध्य एवं प्रतिष्ठाचार्य नीतेश शास्त्री अशोकनगर ने मंत्र उच्चारण के साथ सौधर्म इन्द्र सहित इन्द्रों ने कलशों से भक्तिभाव के साथ भगवान जिनेन्द्र का शुद्ध जल से अभिषेक जयघोष के साथ किया। मुनि के मुखारबिंद से भगवान जिनेन्द्र के मस्तक पर शांतिधारा प्रेमरूप बल्लू जैन, अशोक जैन मास्टर, प्रेम आकाश एवं चक्रेश, नीरज, रिंकू जैन परिवार ने की। इन्द्रा-इन्द्राणियों ने दीपकों से भगवान जिनेन्द्र की आरती उतारी।
मंगल कलश स्थापना कर चढाए सिद्धचक्र 64 मण्डलीय पर महाअघ्र्य
मुनि विनय सागर महाराज के सानिध्य में सिद्धचक्र महामण्डल विधान के मण्डप पर सौभाग्यमती महिलाओं द्वारा मुख्य मंगल कलश की स्थापन की गई। प्रथम दिवस 64 मण्डलों के आठ अघ्र्य प्रतिष्ठाचार्य नीतेश शास्त्री ने सौधर्म इन्द्र राकेश जैन मुंबई, चक्रवर्ती राजा आयशा जैन, कुबेर इन्द्र चक्रेश जैन जमुना वाले, ईशान इन्द्र सपना जैन, जोली जैन हाउसिंग कॉलोनी, यज्ञ नायक सुनीता जैन, सुनील जैन, महायज्ञ नायक प्रियांशु जैन, सानत कुमार ममता जैन किला गेट, महेन्द्र कुमार, महामण्डलेश्वर सुधा जैन, तनु जैन परिवार, दीपक जैन, सचिन जैन, आकाश जैन, सौरभ जैन, राहुल जैन, नरेन्द्र जैन, सुमन जैन सहित इन्द्र-इन्द्राणियों ने पूजा अर्चना कर जिनेन्द्र भगवान को आठ महाअघ्र्य समर्पित किए।
पर्यूषण महापर्व पर दस दिवसीय विधान में प्रतिदिन होंगे यह कार्यक्रम
प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि 19 से 28 सितंबर तक प्रतिदिन सुबह छह बजे से जाप्यानुष्ठान, सात बजे से जिनेन्द्र भगवान का अभिषेक शांतिधार, 7:30 बजे नित्यपूजन व सिद्धचक्र महामंडल विधान होगा। वहीं दोपहर में स्वाध्याय व शाम 6:30 बजे से महाआरती, शास्त्र प्रवचन एवं धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे।