हिन्दी दिवस पर उत्कृष्ट विद्यालय में संगोष्ठी का आयोजित
भिण्ड, 16 सितम्बर। शा. उत्कृष्ट उमावि क्र.एक भिण्ड की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा हिन्दी दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि और प्रमुख वक्ता के रूप में एमजेएस महाविद्यालय हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. जितेन्द्र बिसारिया और विशिष्ट अतिथि समाजसेवी गणेश भारद्वाज मौजूद रहे। मां सरस्वती पर दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
मुख्य वक्ता प्रो. बिसारिया ने अपने उदबोधन में कहा कि हिन्दी एक समृद्ध और सरल भाषा है।विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में हिंदी आज दूसरे पायदान पर है। दुनियां में बडी तीव्रता के साथ हिन्दी का प्रचार- प्रसार और विकास हो रहा है। पूरी दुनियां के लोग हिन्दी की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। हिन्दी हम भारतीयों का गौरव है, इसका हमें सम्मान करना चाहिए। व्यवहारिक कार्यों, मेल-मिलाप और बोल चाल में हमें गरिमा के साथ हिन्दी भाषा का अधिकाधिक प्रयोग करना चाहिए। हिन्दी की महत्ता बताते हुए प्रो. बिसारिया ने कहा कि आज हिन्दी भाषा में रोजगार के बहुत अवसर हैं। हिन्दी फिल्में दूरदर्शन, सिनेमा और यू-ट्यूब पर दुनियां में सबसे ज्यादा देखी जाती है। नाटक, संगीत, कहानी, कविता या फिल्मी दुनियां हिन्दी के बिना अधूरी है।
समाजसेवी गणेश भारद्वाज ने कहा कि हिन्दी हृदय से निकली भाषा है, जो हमें आत्मीयता के साथ एकता के सूत्र में बांधती है। हिन्दी देश की सशक्त अभिव्यक्ति का माध्यम है, जिसकी राष्ट्रीय एकता और अखण्डता में अहम भूमिका है। भारतीय संस्कृति और विरासत को सहेजने में हिन्दी का बडा योगदान है। हम हिन्दी को शिरोधार्य करें, गर्व के साथ अपनी मातृभाषा का अधिकाधिक प्रयोग करें। संचालन कर रहे शिक्षक सतेन्द्र सिंह भदौरिया ने कविता के माध्यम से हिन्दी की महत्ता पर प्रकाश डाला।
अध्यक्षीय उदबोधन में वरिष्ठ शिक्षक यतीन्द्र कुमार शर्मा ने कहा कि हिन्दी आज की जरूरत है, हिन्दी में विकास की सारी संभावनाएं निहित है। 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा हिन्दी को राजभाषा का दर्जा दिया गया और राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के सुझाव पर हिन्दी भाषा को बढावा देने एवं उसके प्रचार-प्रसार के लिए 1953 से 14 सितंबर को हर साल हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। आभार व्यक्त करते हुए रासेयो कार्यक्रम अधिकारी डॉ. धीरज सिंह गुर्जर ने भारतेन्दु हरिश्चंद्र की पंक्तियां उद्धृत करते हुए कहा कि हम जिस भाषा में सोचते हंै, अपने सपने संजोते हंै, हंसते, गाते, रोते हैं, अपने अंतर मन की बातें एक दूसरे से साझा करते हंै, उस हिन्दी भाषा का पूरी आस्था, श्रृद्धा और गौरव के साथ सम्मान करें। इसी में हमारी भलाई, भविष्य और विकास सन्निहित है।
इस अवसर पर हिन्दी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रो. जितेन्द्र बिसारिया एवं पत्रकार गणेश भारद्वाज को शॉल-श्रीफल एवं साहित्य भेंट कर सम्मानित किया गया। इस मौके पर प्रभारी प्राचार्य आरबी शर्मा, अजय भारद्वाज, एसके जैन, श्रीमती कमलेश कुशवाह, सोनी भदौरिया, मधु शर्मा, शकील खान, मनोज कुशवाह, डीपी गुप्ता, सुभाष दादोरिया, विजय रायपुरिया सहित स्टाफ के अन्य सदस्य एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।