लहार में एक शाम शहीदों के नाम में कवियों ने बांधा समां

ओज पूर्ण गीतों को सुनकर श्रोता हुए प्रफुल्लित
देर रात्रि तक चला अखिल भारतीय कवि सम्मेलन

मिहोना, 30 अगस्त। अमृत महोत्सव के तहत लहार नगर में स्थित अग्रसेन गार्डन में सर्वोदय साहित्य संगम मिहोना के अध्यक्ष हरीबाबू निराला के संयोजकत्व में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें देश के ख्याति नाम राष्ट्रीय कवि शशिकांत यादव देवास ने कविता पाठ कर लोगों के अंदर जोश भर दिया। उनकी पंक्तियां खूब सराही गई देखिए- ‘झाड फूंक, जादू टोने वाला मानते हो आप, देखो हमने दुनिया का गर्दा झाड दिया है, बोकल फॉर लोकल मंत्र साधा हमने तो, चीनी चपटो का हुलिया बिगाड दिया है।।
इंदौर से पधारे कवि अतुल ज्वाला ने अपनी कविता कुछ यूं पढ़ी- ‘भगत सिंह के देश में जिंदा कसाव मांग रहे है। धारा 370 क्यों हटा दी जवाब मांग रहे है।।’ झांसी से पधारे हरनाथ सिंह चौहान ने हास्य व्यंग पढकर लोगों को मंत्र मुक्त किया, बानगी देखिए- ‘बे बोली इतिहास यहां पर मैं भी तो गढ सकती हूं। नारी अस्मिता के दुश्मन की छाती पर चढ सकती हूं।।’ लखनऊ से पधारी डॉ. आभा श्रीवास्तव ने तरन्नुम में गीत गजल पढी जो खूब सराही गई। प्रयागराज से आए कवि शैलेन्द्र मधुर ने भी श्रृंगार रस में कविताएं व गीत पढकर लोगों का मन मोह लिया। इसके बाद कवि दिनेश देसी घी शाजापुर को बुलाया गया, उन्होंने हास्य व्यंग्य की चुटीली रचनाएं पढी और सभी के मन को खूब गुदगुदाया।
कार्यक्रम के संयोजक हरीबाबू निराला मिहोना ने कविता के माध्यम से कहा कि ‘देख कारगिल में तूने भारी घुसपैठ मचाई थी, वीर सैनिकों ने रण में फिर तुझको धूल चटाई थी।। अंत में आभार प्रदर्शन समाजसेवी योगेन्द्र सिंह उर्फ पप्पू भैया ने किया। इस अवसर पर पूर्व विधायक रसाल सिंह, रामकुमार महते, संतोष बोहरे, संजीव चौधरी, बद्रीनारायण शर्मा, धर्मेन्द्र सिंह जादौन, जबर सिंह कुशवाहा, दीपक सिंह सरपंच इम्लाह, विकास बोहरे, उमाशंकर तिवारी, राजीव बंसल, मनीष दीक्षित, रुद्रप्रताप सिंह चौहान, कोकसिंह चौहान, विष्णु चतुर्वेदी, डॉ. कैलाश प्रजापति, चंद्रप्रकाश तिवारी काका आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।