भिण्ड, 23 अगस्त। डिप्टी कलेक्टर विजय सिंह यादव बुधवार को अनुसूचित जाति छात्रावास का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने सर्वप्रथम बालिका जूनियर सीनियर एवं बाल सीनियर छात्रावास मेहगांव का निरीक्षण किया, जहां स्थिति अत्यंत ही खराब पाई गई। दोनों ही छात्रावास की अधीक्षकाएं बिना सूचना के अनुपस्थित मिलीं।
डिप्टी कलेक्टर यादव ने बताया कि जानकारी लेने पर ज्ञात हुआ अधीक्षकाएं छात्रावास में नहीं रहती हैं। जबकि शासन के नियम अनुसार अधीक्षक को छात्रावास में ही या पद स्थापना मुख्यालय पर निवासरत होना अनिवार्य है। सीनियर छात्रावास में 50 बालिकाएं होने के बावजूद यहां 15 पलंग एवं जूनियर छात्रावास में 27 बालिकाएं होने के बावजूद मात्र 15 पलंग ही मिले। जूनियर छात्रावास में खाने के बर्तन पर धूल जमी पाई गई, जिस पर यादव ने नाराजगी व्यक्त की एवं छात्रावास अधीक्षिका सुमन शर्मा एवं रानी प्रीति पवाया को कारण बताओ नोटिस जारी कर 24 घण्टे में जवाब मांगा है।
इसके बाद डिप्टी कलेक्टर यादव बालक छात्रावास पहुंचे, जहां दर्ज 50 बच्चों में से आठ बच्चे ही पाए गए। उक्त छात्रावास को दिसंबर 2022 में 2.44 लाख कि राशि प्रदाय की गई थी, जिसे भवन की पुताई एवं शौचालय मरम्मत पर खर्च किया जाना था, परंतु ना ही भवन की पुताई हुई एवं बरसात में शौचालय में पानी टपकता हुआ पाया गया। साथ ही छत की स्थिति भी जर्जर पाई गई है। निरीक्षण में ज्ञात हुआ की छात्रावास अधीक्षक रवि तिवारी हॉस्टल में बने क्वार्टर में निवास ना करके गोरमी में निवास करते हैं जिस पर अधिकारी ने उन्हें कारण बताओं नोटिस जारी किया है।
इसके बाद यादव मौ हॉस्टल पहुंचे, जहां दर्ज नौ बच्चों के विरुद्ध एक भी छात्र हॉस्टल में नहीं पाया गया एवं अधीक्षक भी हॉस्टल से अनुपस्थित थे। भवन सुदृढीकरण के लिए 4.92 लाख के राशी जारी की गई थी जो छत मरमत एवं शौचालय मरम्मत एवं पुताई लिए दी गई थी, जिसमें भी अनियमिता देखने को मिली है। जिसके क्रम में संबंधित हॉस्टल अधीक्षक आनंद सिंह कुशवाहा को कारण बताओ नोटिस जारी कर 24 घण्टे में जवाब मांगा गया है। उक्त अधीक्षकों द्वारा प्रस्तुत जवाब समाधान कारक न पाए जाने की स्थिति में वेतन राजसात करने से लेकर निलंबन तक की कार्रवाई की जाएगी।