सभी समाज में समरसता का भाव बना रहे इसलिए निकाली जा रही समरसता यात्रा : आर्य
संत शिरोमणि रविदास जी भारतीय संत परंपरा के परम संत थे : राज्यमंत्री भदौरिया
संत शिरोमणि रविदास मन्दिर निर्माण समरसता यात्रा का मौ, अमायन, लहार में हुआ आत्मीय स्वागत
भिण्ड, 29 जुलाई। संत शिरोमणि रविदास महाराज की सामाजिक समरसता की विचारधारा का संदेश देने के उद्देश्य से गांव-गांव आयोजित समरसता यात्रा का भिण्ड जिले की नगर परिषद मौ, उप तहसील अमायन, विकास खण्ड लहार में पहुंचने पर आमजनों ने भव्य स्वागत किया।
सामाजिक समरसता का संदेश देने वाली संत शिरोमणि गुरूदेव रविदास की इस यात्रा के दौरान जिले में उत्साह एवं उत्सव का वातावरण निर्मित रहा, जगह-जगह पर गुरुदेव के चित्र पर पुष्पवर्षा की गई तथा समरसता यात्रा के पहुचंने पर गुरुदेव की चरण पादुकाओं का पूजन किया गया तथा संत रविदास जी का सागर में बनने वाले भव्य मन्दिर के लिए नदियों का जल एवं गांव-गांव की मिट्टी का संग्रहण किए जाने के क्रम में आमजनों द्वारा जल एवं मिट्टी कलश अर्पित किए गए, इन सभी कलश को यात्रा के साथ चल रहे वाहनों में सुरक्षित रखा गया है। संत शिरोमणी रविदास मन्दिर निर्माण समरसता यात्रा के भिण्ड जिले की गोहद विधानसभा से प्रस्थान कर नगर परिषद मौ, उप तहसील अमायन, विकास खण्ड लहार में आगमन पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (भारत सरकार) राज्यमंत्री भानुप्रताप सिंह वर्मा, भाजपा अजा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं समरसता यात्रा प्रभारी लालसिंह आर्य, नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया, संत रविदास हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम के अध्यक्ष रणवीर सिंह जाटव, मप्र बांस एवं बांस शिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष तथा समरसता यात्रा के संयोजक घनश्याम पिरोनिया, सांसद संध्या राय, जिला पंचायत अध्यक्ष कामना सिंह भदौरिया, भाजपा जिलाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह नरवरिया, पूर्व विधायक रसाल सिंह, सज्जन सिंह यादव द्वारा आत्मीय स्वागत किया गया। उन्होंने संत शिरोमणी रविदास जी की चरण पादुका का पूजन कर उन्हें अपने सिर पर उठाकर जिले में यात्रा का शुभारंभ किया। उनके साथ अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं बडी संख्या में श्रृद्धालुओं ने समरसता यात्रा का हर्सोल्लास के साथ आत्मीय स्वागत किया गया।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (भारत सरकार) राज्यमंत्री भानुप्रताप सिंह वर्मा ने संत शिरोमणि रविदास मन्दिर निर्माण समरसता यात्रा अंतर्गत जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित कर कहा कि संत रविदास महाराज ने सामाजिक समरसता का जो संदेश दिया है, उसका सभी अनुसरण करें, इसी उद्देश्य के साथ समरसता यात्रा का आयोजन प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने हमेशा सामाजिक समरसता का संदेश देते हुए आदिवासी एवं अनुसूचित जाति के लोगों के जीवन स्तर में बदलाव लाने का काम किया है। संत रविदास महाराज ने जात-पात के भेदभाव को मिटाया और समाज को एकता के सूत्र में बांधा है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं समरसता यात्रा प्रभारी लालसिंह आर्य ने कहा कि प्रदेश सरकार की पहल पर समरसता की पांच यात्राएं प्रारंभ की गई हैं। यह यात्राएं अलग-अलग जिलों से प्रारंभ होकर 12 अगस्त को सागर जिले में पहुंचेगी, जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 100 करोड रुपए की लागत से संत रविदास मन्दिर की आधारशिला रखेंगे। इस मन्दिर के निर्माण में लगभग 313 पवित्र नदियों का जल और 53 हजार पंचायतों की मिट्टी एकत्रित कर लगाई जाएगी, ताकि सभी समाज में समरसता का भाव बना रहे। नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया ने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी के सिखाए हुए रास्ते पर चलकर प्रदेश सरकार गरीब कल्याण, सामाजिक सदभाव व समरसता का कार्य कर रही है। सबका साथ सबका विकास की थीम पर राज्य सहित केन्द्र सरकार कार्य कर रही है। संत शिरोमणि रविदास भारतीय संत परंपरा के परम संत थे।
संत रविदास हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम के अध्यक्ष रणवीर सिंह जाटव कहा कि संत रविदास जी चरम शिल्पी थे, लेकिन जो भी कमाते थे वह दीन-दुखियों की मदद के लिए खर्च कर देते थे, क्योंकि संत रविदास का जन्म ही परोपकार के लिए हुआ था। संत रविदास अदभुत संत थे, जिन्होंने मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने के साथ भारतीय संस्कृति व मूल्यों को आगे बढ़ाने का कार्य किया। मप्र बांस एवं बांस शिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष तथा समरसता यात्रा के संयोजक घनश्याम पिरोनिया ने कहा कि सागर में 100 करोड की लागत से संत शिरोमणि रविदास का भव्य मन्दिर बनेगा। मन्दिर निर्माण के लिए समरसता यात्रा निकाली जा रही है, जो प्रेम, सदभाव व एकता का संदेश देने के साथ-साथ प्रत्येक गांव की मिट्टी व नदियों का जल संग्रह कर 12 अगस्त को यात्रा सागर पहुंचेगी, जहां देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मन्दिर का शिलान्यास करेंगे।
सांसद संध्या राय ने कहा कि संत रविदास महाराज अपने कर्म से महान हुए। छोटा-बडा होने से कोई फर्क नहीं पडता, कृतित्व महान हो तो महापुरुष बन जाते हैं। इंसान के मन में अध्यात्म हो तो यह लोक और परलोक सार्थक हो जाते हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष कामना सिंह भदौरिया ने कहा कि सनातन धर्म में जातपात एवं ऊंच नीच की भावनाएं कभी भी नहीं रही, द्वापर और त्रेता युग में जात-पात से ऊपर उठकर अपने कृतित्व से लोग महान बने तथा आदर्श स्थापित किए। संत रविदास जी भी इसी परम्परा के महान संत थे।
पूर्व विधायक रसाल सिंह ने कहा कि संत शिरोमणि ने जहां जाति-पाति व कुप्रथाओं का विरोध किया था तो वहीं सामाजिक सदभाव, समरसता व समानता के प्रतीक भी थे। जनसंवाद कार्यक्रम का शुभारंभ संत शिरोमणी गुरुदेव रविदास महाराज के चित्र माल्यार्पण एवं पूजन-अर्चन के साथ हुआ तथा इस अवसर पर उपस्थित हरिद्वार से पधारी साध्वी रंजना जी एवं अन्य संतों का माला पहनाकर स्वागत किया गया।
भिण्ड जिले के लहार क्षेत्र से स्योढ़ा, जिला दतिया के लिए रवाना हुई समरसता यात्रा
भिण्ड जिले के अटेर क्षेत्र से प्रदेश स्तरीय सामाजिक समरसता यात्रा का जिले में निर्धारित रूट अनुसार भ्रमण उपरांत आज विकास खण्ड लहार से स्योढ़ा, जिला दतिया के लिए यात्रा को रवाना किया गया। इस अवसर पर दतिया जिले के विभिन्न अधिकारी तथा जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक यात्रा के स्वागत के लिए पहुंचे।