व्यक्ति की नहीं उसके विचारों सिद्धांतों की पूजा होती है : आर्य

संत रविदास मन्दिर निर्माण समरसता यात्रा के भिण्ड में आगमन पर जनसभा आयोजित

भिण्ड, 28 जुलाई। संत शिरोमणी रविदास मन्दिर निर्माण समरसता यात्रा के भिण्ड शहर के खण्डा रोड आगमन पर क्षेत्रीय विधायक संजीव सिंह कुशवाह द्वारा आत्मीय स्वागत किया गया। उन्होंने संत शिरोमणी रविदास की चरण पादुका का पूजन कर उन्हें अपने सिर पर उठाकर जिले में यात्रा का शुभारंभ किया। उनके साथ भाजपा अजा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं समरसता यात्रा प्रभारी लालसिंह आर्य, मप्र बांस एवं बांस शिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष तथा समरसता यात्रा के संयोजक घनश्याम पिरोनिया, भाजपा जिलाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह नरवरिया, पूर्व विधायक मुन्नासिंह भदौरिया सहित अन्य जनप्रतिनिधियों एवं आमजनों ने यात्रा का आत्मीय स्वागत किया।
इस अवसर पर जनसभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं समरसता यात्रा प्रभारी लालसिंह आर्य ने कहा कि सनातन धर्म में जात-पात एवं ऊंच नीच की भावनाएं कभी भी नहीं रही, प्राचीन द्वापर युग एवं त्रेता युग में भी सब समाज थे, उस दौर में जात-पात से ऊपर उठकर अपने कृतित्व से लोग महान बने तथा आदर्श स्थापित किए। संत रविदास भी इसी परम्परा के महान संत थे। उन्होंने कहा कि मीराबाई ने आध्यात्म का रास्ता चुना और संत रविदास महाराज को अपना गुरू बनाया। इसका अर्थ है कि किसी व्यक्ति की पूजा नहीं होती, बल्कि उसके विचारों, सिद्धांतों, आदर्शों और व्यक्तित्व की पूजा होती है। कर्म के माध्यम से स्वार्थ के बिन्दु को बाहर निकाल दें तो इंसान महापुरुष बन जाते हैं। गुरुदेव गोविन्द सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिंह, अशफाक उल्ला खां भी ऐसे महापुरुष हैं जो अपने कृतित्व से महान बने। उन्होंने कहा कि संत रविदास महाराज ने सामाजिक समरसता का जो संदेश दिया है, उसका सभी अनुसरण करें, इसी उद्देश्य के साथ समरसता यात्रा का आयोजन प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है।