संत रविदास का जीवन त्याग, तपस्या और मानव-सेवा का महान उदाहरण है : सहकारिता मंत्री डॉ. भदौरिया

समरसता यात्रा का विकास खण्ड अटेर में हुआ भव्य स्वागत

भिण्ड, 28 जुलाई। संत शिरोमणि रविदास समरसता यात्रा ने भिण्ड जिले के विकास खण्ड अटेर में प्रवेश किया। इस अवसर पर सहकारिता एवं लोकसेवा प्रबंधन मंत्री डॉ. अरविन्द सिंह भदौरिया द्वारा संत शिरोमणि रविदास मन्दिर निर्माण समरसता यात्रा के अटेर क्षेत्र के फूफ आगमन पर स्वागत किया गया। उन्होंने संत रविदास की चरण पादुका का पूजन कर उन्हें अपने सिर पर उठाकर जिले में यात्रा का शुभारंभ किया। इस दौरान मप्र बांस एवं बांस शिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष तथा समरसता यात्रा के संयोजक घनश्याम पिरोनिया, भाजपा जिलाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह नरवरिया, नगर परिषद फूफ अध्यक्ष नफीसा चौधरी सहित अन्य जन प्रतिनिधियों एवं आमजन ने समरसता यात्रा का हर्षोल्लास के साथ आत्मीय स्वागत किया।
सहकारिता एवं लोकसेवा प्रबंधन मंत्री डॉ. अरविन्द सिंह भदौरिया ने कहा कि संत शिरोमणि रविदास की समरसता यात्रा आज भिण्ड जिले की अटेर विधानसभा क्षेत्र में पहुंची है, अटेर विधानसभा क्षेत्र की सभी पंचायतों से मिट्टी और पवित्र नदियों का जल लाकर इस यात्रा में समाहित किया है, यह बडे गौरव की बात है। ये मिट्टी और जल 12 तारीख को सागर जिले में यात्रा के साथ पहुंचेगा। वहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रदेश सरकार द्वारा 100 करोड की लागत से बनाए जाने वाले संत रविदास महाराज के भव्य मन्दिर का शिलान्यास व भूमिपूजन करेंगे। उस भूमिपूजन में जब नींव भरी जाएगी, तो उसमें हमारे जिले की मिट्टी व जल का भी योगदान रहेगा। सहकारिता मंत्री ने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी शांति, प्रेम, सत्य और पुनर्जागरण के अग्रदूत थे। उनका जीवन त्याग, तपस्या और मानव-सेवा का महान उदाहरण है। हम सभी को उनके बताए जीवन-मूल्यों एवं उनके अनुरूप आचरण को अपने जीवन में अपनाना चाहिए।
मप्र बांस शिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष तथा समरसता यात्रा के संयोजक घनश्याम पिरोनिया ने कहा कि संत रविदास की यात्रा जन अभियान परिषद के सहयोग से निकाली जा रही है। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य है कि अंतिम छोर तक के व्यक्ति को योजनाओं का लाभ मिले। भाजपा जिलाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह नरवरिया ने कहा कि समरसता यात्रा लोगों में भाव पैदा करेगी, उनको जोडने का कार्य करेगी और अपनी सहभागिता मन्दिर निर्माण में अवश्य देगी। क्योंकि इस मन्दिर निर्माण में सभी ग्राम पंचायतों की मिट्टी और पवित्र नदियों का जल लाकर समाहित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संत रविदास जी महान संत थे, जिनकी शिष्या मीराबाई थी। मीराबाई ने कृष्ण को अपने समक्ष में बुला लिया तो मीराबाई के गुरू संत रविदास कितने महान व्यक्ति थे।