ग्वालियर, 27 जुलाई। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ग्वालियर सुश्री शिवानी सैनी की अदालत ने आरोपी धर्मेन्द्र जाटव को अपनी पत्नी को गोली खिलाकर जीजा से गंदा काम कराने की कोशिश कराने और उक्त कृत्य करने वाले उसके जीजा मनीराम जाटव के जमानत आवेदन खारिज कर दोनों को जेल भेज दिया है। अभियोजन की ओर से जमानत आवेदन का विरोध एडीपीओ अभय प्रताप सिंह राठौर ने किया।
एडीपीओ अभय प्रताप सिंह राठौर ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि फरियादिया सीमा पत्नी धर्मेन्द जाटव उम्र 33 साल निवासी ग्राम मानिकपुर, कोरवा छत्तीसगढ में परिवार के साथ निवास करती थी और अपने पति के साथ ग्वालियर आ गई थी। फरियादिया का पति ग्वालियर स्टेशन से उसे अपने जीजा मनीराम जाटव के घर सिंधिया नगर मरघट पहाडिया ग्वालियर पर ले गया। रात करीब आठ बजे पति धर्मेन्द्र व जीजा मनीराम जाटव दोनों बैठ कर शराब पी रहे थे। फिर फरियादिया के पति ने एक टेबलेट खाने के लिए दी, जिसे खाकर पीडिता के हाथ पैर सुन्न हो गए, तब जीजा मनीराम ने उसके साथ छेडखानी करना चालू कर दी, तब पीडिता ने चिल्लाते हुए कहा यदि मेरी इज्जत को किसी ने हाथ लगाया तो मैं छत से कूद जाऊंगी। पीडिता के पति ने उसके साथ मारपीट करते हुए उसके जीजा मनीराम जाटव को वहां से भगाया। पीडिता ने विश्वविद्यालय थाना जाकर आरोपीगण के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जहां पुलिस ने धारा 354, 323, 328, 34 भादंवि का अपराध कायम कर विवेचना में लिया। जमानत में महत्वपूर्ण तथ्य यह था कि पीडिता ने अपने पति एवं उसके जीजा मनीराम के समर्थन में आवेदन दिया था। लेकिन एडीपीओ अभय प्रताप सिंह राठौर ने तर्क करते हुए कहा कि उक्त मामला गंभीर है और यदि पीडिता छत से कूदने की धमकी न देती तो उसके साथ दुष्कर्म जैसी घटना को आरोपी अंजाम दे सकता था। न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों से सहमति जताते हुए आरोपीगण के जमानत आवेदन को खारिज करते हुए उनको जेल भेजने का आदेश दिया है।