किसान ने कब्जा हटाए जाने के लिए राजस्व एवं पुलिस विभाग से लेकर प्रधानमंत्री तक लगाई गुहार
मालनपुर/भिण्ड, 21 जुलाई। औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर में एसआरएफ कंपनी की दबंगई ने गरीब किसान को दर-दर भटकने को मजबूर कर दिया है, यूं तो प्रदेश के मुखिया गरीबों और किसानों के मसीहा माने जाते हैं, लेकिन जब उन्हीं किसानों की सुनवाई न हो तो बेचारे कहां जाएं और किसे सुनाएं?
जब किसी क्षेत्र में कोई फैक्ट्री या कंपनी की शुरुआत होती है तो लोगों को रोजगार की आस होती है, पर जब कंपनी द्वारा गरीब किसानों की जमीन को ही हथियाने का प्रयास किया जाए और किसान द्वारा अपनी ही जमीन खाली कराने के लिए अधिकारियों से गुहार लगाने के बाद भी जमीन वापिस न मिले तो क्या करे? जी हां हम बात कर रहे हैं औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर की। जहां एसआर कंपनी पर एक किसान विष्णु गौड़ ने उसकी 58 विस्वा जमीन पर कंपनी द्वारा कब्जा किए जाने का आरोप लगाते हुए जमीन वापिस दिलाए जाने के लिए जिला कलेक्टर को आवेदन दिया है।
किसान विष्णु गौड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि नगरीय क्षेत्र मालनपुर में उसके पिता जगदीश प्रसाद गौड़ के नाम खसरा क्र.768 रकबा 58 विस्वा है, जिसके ठीक बगल में एसआरएफ लिमिटेड कंपनी स्थित है, मेरे स्वामित्व की भूमि पर कुछ वर्ष पूर्व एसआरएफ लिमिटेट कंपनी द्वारा मेरी भूमि पर सौर ऊर्जा प्लेट लगाकर, बाउण्ड्री कर अतिक्रमण कर लिया गया है। मुझ गरीब किसान की भूमि पर लोकल नेताओं के साथ मिलकर जबरन कब्जा कर लिया है, राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा सीमांकन भी किया गया। सीमांकन के आधार पर मेरी जमीन एसआरएफ लिमिटेड कंपनी की बाउण्ड्री के भीतर आ रही है, जिस पर कंपनी का कब्जा है। जिसे खाली कराए जाने मैंने कई बार जिले के अधिकारियों से लिखित में गुहार लगाई है, लेकिन आज तक मेरी जमीन को एसआरएफ कंपनी से मुक्त नहीं कराया गया है, जिस कारण मैं और मेरा परिवार काफी तनाव में है। मैंने 19 जुलाई को दोबारा कलेक्टर को आवेदन देकर जमीन मुक्त कराए जाने की गुहार लगाई है।
किसान ने जमीन कब्जा मुक्त कराने किस-किस विभाग में लगाई गुहार
किसान विष्णु गौड़ ने बताया कि उसने नगर परिषद मालनपुर से लेकर मालनपुर थाना, एसडीएम गोहद, एसडीओपी गोहद, जिला कलेक्टर, एमपीआईआईडीसी ग्वालियर, मुख्यमंत्री मप्र और प्रधानमंत्री तक को पत्र के माध्यम से जमीन को कंपनी से कब्जा मुक्त कराए जाने की गुहार लगाई है।