भोपाल, 20 जुलाई। पंचम अपर सत्र न्योयाधीश भोपाल विनय कुमार भारद्वाज के न्यायालय ने 62 खाता धारकों से लगभग 50 लाख रुपए हडपने वाले बैंक केशियर प्रदीप बोरकर एवं मनोज बाथम को धारा 409 भादंवि में दोषसिद्ध पाते हुए 10-10 वर्ष के कारावास एवं दो-दो हजार रुपए के जुर्माने से दण्डित किया है। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक सुश्री प्रीति श्रीवास्तव ने की।
अपर लोक अभियोजक सुश्री प्रीति श्रीवास्तव के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि सेंट्रल मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक शाखा बैरसिया, भोपाल में 12 जून 2012 से 18 जून 2013 के मध्य आरोपी मनोज बाथम एवं प्रदीप बोरकर ने बैंक शाखा में केशियर पद पर पदस्थ थे। उन्होंने अलग-अलग दिनांकों में लगभग 62 खाता धारकों से खाते में जमा करने के लिए लगभग 50 लाख रुपए प्राप्त किए एवं उन्हें पावती रशीद में हस्ताक्षर एवं शील तथा पासबुक में उक्त रुपयों की एंट्री कर दी गई। लेकिन दोनों कैशियर द्वारा बैंक में उक्त राशि जमा न कर स्वयं के उपयोग में ले ली गई। इस संबंध में बैंक अधिकारी अर्चना दीक्षित ने तीन जुलाई 2013 को थाना बैरसिया भोपाल को घटना के संबंध में पत्र लिख कर अवगत कराया एवं कार्रवाई करने हेतु निवेदन किया। जिस पर से थाना बैरसिया पुलिस ने जांच उपरांत आठ अक्टूबर 2014 को प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कर संपूर्ण विवचेना उपरांत अभियोग पत्र न्याायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। न्याायालय ने अभियोजन साक्ष्य, तर्कों एवं दस्तावेजों के आधार पर दोनों आरोपियों को धारा 409 भादंवि में 10-10 वर्ष के कारावास एवं दो-दो हजार रुपए के जुर्माने से दण्डित किया है।