गांजे की तस्करी करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का कारावास

न्यायालय ने एक लाख रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया

सागर, 21 जून। विशेष न्यायाधीश (अंतर्गत धारा 36(1) स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर अब्दुल्लाह अहमद के न्यायालय ने गांजे का अवैध रूप से परिवहन व कब्जे में रखने वाले आरोपी शिवाकांत जाट को दोषी करार देते हुए स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 की धारा- 20(बी)(2)(सी) के तहत 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं एक लाख रुपए अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक संजय कुमार पटैल ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि थाना जीआरपी सागर में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक राधामोहन को 30 जनवरी 2022 को दोपहर लगभग 14:54 बजे मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि प्लेटफार्म नं.दो के ताज इंटरप्राइजेज रेल आहार स्टॉल के पास फुट ओवरब्रिज के नीचे रेल्वे स्टेशन सागर में एक व्यक्ति जो देखने में हट्टा-कट्टा गोरे रंग का उम्र करीब 24-25 साल पीले रंग की छिपकेदार चादर में बोरे में मादक पदार्थ गांजा रखे है और किसी के इंतजार में है। उक्त सूचना को थाना प्रभारी को अवगत कराकर आरक्षक रघुराज सिंह को दो स्वतंत्र साक्षियों को तलब किए जाने हेतु रवाना किया। आरक्षक स्वतंत्र साक्षियों सहित थाना वापस आया, साक्षियों को मुखबिर सूचना से अवगत कराया गया। उसके पश्चात पुलिस अधीक्षक रेल जबलपुर को मुखबिर सूचना का प्रतिवेदन मय मुखबिर पंचनामा सहित आरक्षक पंकज रजक को थाना से रवाना किया गया। जब्तीकर्ता अधिकारी ने मामले की गंभीरता देखते हुए सर्च वारण्ट प्राप्त न कर सकने का पंचनामा साक्षियों के समक्ष बनाया एवं थाना से रवानगी सान्हा में दर्ज कर हमराह फोर्स सहायक उपनिरीक्षक मूलचंद्र, प्रधान आरक्षक कैलाश रघुवंशी, आरक्षकगण रघुराज सिंह, शोएब अब्बासी, नवाब सिंह पटवा, श्यामलाल कुशवाहा मय कंप्यूटर ऑपरेटर आरक्षक ओमप्रकाश बघेल, स्वतंत्र साक्षीगण राजेन्द्र एवं संतोष सहित मय विवेचना किट, लेपटॅाप, प्रिंटर, विवेचना बॉक्स, इलेक्टॉनिक तराजू मय तोल करने वाले विनीत खटीक को साथ लेकर मौके के लिए रवाना हुए। मुखबिर द्वारा बताए स्थान पर पहुंचने पर वह व्यक्ति पुलिस को देखकर जाने लगा, जिसे घेराबंदी कर पकड़ा और उसका नाम पता पूछा तो उसने अपना नाम शिवाकांत जाट जबलपुर का रहना बताया। तलाशी की आवश्यक कार्रवाई उपरांत संदेही के पास से 28 नग पैकेट प्राप्त हुए, जिनको खोलकर देखने पर उसमें गीला गांजा पदार्थ रखा होना पाया गया। आरोपी के पास से 28 किलोग्राम मादक पदार्थ गांजा जब्त किया गया। मौके पर तौल कार्रवाई, अन्य विधिक कार्रवाई के उपरांत गीले गांजे को सीलबंद कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया, थाने पर वापस आकर जब्तशुदा मादक पदार्थ को मालखाना में जमाकर आरोपी के विरुद्ध थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। जहां विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला आरोपी के विरुद्ध संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत न्यायालय विशेष न्यायाधीश (अंतर्गत धारा 36(1) स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर अब्दुल्लाह अहमद की अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपरोक्त सजा से दण्डित किया है।