वीरांगना रानी दुर्गावती गौरव यात्रा कल से 27 जून तक

भिण्ड, 20 जून। रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर देश के प्रधानमंत्री अपनी श्रृद्धांजलि अर्पित करेंगे, उनकी बलिदान गाथा को जन-जन तक पहुंचाने हेतु रानी दुर्गावती बलिदान दिवस गौरव यात्रा का शुभारंभ 22 जून को बालाघाट में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हाथों से होगा, यह यात्रा रानी दुर्गावती के जीवन से जुड़े सभी प्रमुख स्थानों से होकर गुजरेगी एवं इसका समापन 27 जून को शहडोल में होगा। बलिदान दिवस निमित कार्यक्रम के समापन में मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी होंगे। यह मप्र के लिए गौरव का अवसर है जिसमें मप्र की गौरव रानी दुर्गावति के बलिदान को स्मरण करने प्रधानमंत्री उपस्थित रहेंगे।
मप्र की प्रमुख जनजाति गोंड है, गोंड राजवंश ने 52 गढ़ों के विस्तृत साम्राज्य पर 63 गोंड राजाओं ने 1400 वर्षों तक अपना शासन किया। महाराजा संग्राम शाह (1510-1543 ई.), राजा दलपत शाह, राजा वीर नारायण, रानी दुर्गावती, राजा चन्द्रशाह, राजा हिर्देशाही, राजा निजाम शाही एवं 1857 में अंग्रेजों के विरुद्ध लडक़र शहीद हुए राजा शंकर शाह एवं कुंवर रघुनाथ शाह प्रमुख हैं। राजा संग्राम शाह के पुत्र राजा दलपत शाह (1543-1550 ई.) से रानी दुर्गावति (जन्म 05 अक्टूबर 1524) का विवाह हुआ, इनके पति दलपत शाह की मृत्यु उपरांत रानी दुर्गावती ने 1550 से 1564 तक अपना शासन किया, अकबर के सरदार आसफ खान से युद्ध में 24 जून 1564 को रानी दुर्गावती का जबलपुर के नर्राई नाला क्षेत्र में युद्ध में बलिदान हुआ। रानी दुर्गावती को आज भी सर्व सामान्य व गोंड जनजातीय समाज अपनी रानी, रणचण्डी, संरक्षिका एवं देवी के रूप में अनन्य श्रृद्धा का भाव रखते हैं। प्रतिवर्ष 24 जून को रानी दुर्गावती का बलिदान दिवस प्रदेश के कई जिलो में श्रृद्धा पूर्वक मनाया जाता है, वर्तमान में जितने प्रमुख स्मारक रानी दुर्गावती पर बने है, अधिकांश वे सभी भाजपा के शासन काल में बनाए गए है। गोंड बहुल सभी क्षेत्रों में बलिदान दिवस के कार्यक्रम बड़ी संख्या में आयोजित किए जाते है। आगामी 24 जून को पूरे प्रदेश में रानी दुर्गावती बलिदान दिवस मनाया जाएगा। चूंकि स्थानीय स्तर पर बलिदान दिवस कार्यक्रम मनाए जाते हैं, इसलिए बलिदान दिवस हेतु समाज द्वारा बड़े कार्यक्रम एक सप्ताह तक आयोजित होते हैं।