सागर, 20 जून। द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश जिला-सागर श्री शिवबालक साहू के न्यायालय ने हत्या करने वाले आरोपी धीरेन्द्र पाठक एवं गनेश गौड़ को दोषी करार देते हुए धारा 302 भादंवि, सहपठित धारा 34 के तहत आजीवन कारावास व पांच हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सौरभ डिम्हा ने की।
जिला अभियोजन मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि नौ अप्रैल 2020 को शिकायतकर्ता निर्भय ने थाना उपस्थित होकर रिपोर्ट लेख कराई कि वह खेती किसानी का काम करता है, उसके छह लडक़े तथा एक लडक़ी है। सबसे छोटा लडक़ा प्रवेन्द है, जिसकी उम्र करीब 18 साल है, जो पेट्रोल पंप सागर पर काम करता था। लॉकडाउन होने से 15-20 दिन से ग्राम सेमरागोपालमन में रह रहा था। प्रवेन्द और धीरेन्द्र पाठक की गांव की एक लडक़ी से बातचीत होती रहती थी, इस बात को लेकर धीरेन्द्र पाठक ने उसके लडक़े प्रवेन्द्र को बात करने से मना भी किया। धीरेन्द्र पाठक उसके लडक़े से बुराई रखता था। आठ अप्रैल 2020 के दोपहर करीब 2:30 बजे धीरेन्द्र ने प्रवेन्द्र और उस लडक़ी को बात करते हुए देख लिया, इसी बात पर से रात करीब 10 बजे धीरेन्द्र पाठक और उसका दोस्त गनेश गौड घर से उसके लडक़े प्रवेन्द्र को बुलाकर ले गए। उस समय फरियादी और उसकी पत्नी सीलरानी थे। करीब एक घण्टे के बाद उसका लडक़ा प्रवेन्द लौटकर नहीं आया, तो वह प्रवेन्द्र को देखने के लिए गया, तो धीरेन्द्र पाठक और गनेश गौड उसके लडक़े प्रवेन्द को गनेश गौड के घर के पास बाड़े में जान से मारने की नियत से ईंट और पत्थर मार रहे थे और खींचते हुए लेकर आ रहे थे। उसने बचाने की कोशिश की तो दोनों गालियां देते हुए बोले कि तुझे भी हम जिंदा नहीं छोड़ेंगे, फिर उसने चिल्लाया तो गांव के संतोष विश्वकर्मा, हरिकेश सेन, नितिन चौबे, प्रकाश पटेल, नेहा गौड़ आ गये थे, जिन्हें देखकर धीरेन्द्र और गनेश भाग गए। उसके लडक़े प्रवेन्द्र को बांई आंख एवं सिर में गहरी चोटे आने से खून बह रहा था, जिसे ईलाज हेतु छोटाहाथी में रखकर जैसीनगर अस्पताल ला रहे थे तो कुछ देर बाद रास्ते में प्रवेन्द्र की मृत्यु हो गई। डॉक्टर ने चैक करने पर प्रवेन्द्र को मृत घोषित कर दिया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना जैसीनगर पुलिस नेा भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 294, 506, 302, 34 का अपराध आरोपीगण के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों एवं डीएनए रिपोर्ट को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश जिला सागर श्री शिवबालक साहू के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।