अनुशासन एवं अभिवादन छात्रों की सच्ची पूंजी : सुधीर शर्मा

क्र.एक विद्यालय में चल रहा है भाविप का बाल संस्कार शिविर

भिण्ड, 10 जून। एक छात्र के जीवन में अनुशासन का बड़ा महत्व होता है, अनुशासन के बिना वह संयमित जीवन नहीं जी सकता, फलस्वरूप उसकी पढ़ाई और कैरियर पर भी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। सभी छात्रों के जीवन में अनुशासन के साथ-साथ बड़ों का अभिवादन भी उनके जीवनशैली में अति आवश्यक है। यह दोनों गुण बच्चों की सच्ची पूंजी होती है। यह बात भारत विकास परिषद शाखा जागृति द्वारा चलाए जा रहे बाल संस्कार शिविर के तीसरे दिन स्थानीय उत्कृष्ट उमावि क्र.एक के प्रांगण में मुख्य अतिथि के रुप में शा. पॉलिटेक्निक महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य सुधीर शर्मा ने कही।

उन्होंने परिषद द्वारा चलाए जा रहे शिविर एवं छात्रों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे शिविर शहर में अन्य स्थानों पर भी संचालित होने चाहिए। विशिष्ट अतिथि के रूप में शा. उत्कृष्ट उमावि क्र.एक के प्रभारी प्राचार्य आरबी शर्मा ने बच्चों के बीच जाकर स्वयं खेल में भागीदारी की और उन्हें प्रोत्साहित किया। शिविर की नियमित दिनचर्या में प्रार्थना, श्लोक वचन, प्रेरक कहानी, व्यायाम, सूर्य नमस्कार, गीत, ताइक्वांडो प्रशिक्षण के बाद पोस्टिक स्वल्पाहार का वितरण किया गया।
ज्ञात हो कि भारत विकास परिषद शाखा जागृति द्वारा सात दिवसीय नि:शुल्क बाल संस्कार शिविर का संचालन सुबह छह से आठ बजे किया जा रहा है। शिविर स्थल पर ऊषा नगरिया, डॉ. उमा शर्मा, अरुणा पाठक, रत्ना कुशवाह, दीपशिखा शर्मा, वर्षा जैन, अंजू गुप्ता, अंजू पहाडिय़ा, शिविर संयोजक प्रियंका शुक्ला, रजनी जैन, सोनाली अग्रवाल आदि सहयोगी उपस्थित रहे।