पंच कल्याणक महोत्सव में हुआ भगवान की माता का गर्भकल्याणक

भिण्ड, 09 जून। मेडिटेशन गुरू उपाध्याय विहसंत सागर महाराज, मुनि विश्वसाम्य सागर महाराज के ससंघ सानिध्य में 13 जून तक निराला रंग बिहार मेला ग्राउण्ड में चल रहे श्री 1008 मज्जिनेन्द्र जिनबिंब, शांतिनाथ पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान शुक्रवार को गर्भकल्याणक का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस अवसर पर मेडिटेशन गुरू उपाध्याय विहसंत सागर महाराज ने कहा कि आज हम सभी पंच कल्याणक में भगवान का गर्भ कल्याणक महोत्सव मना रहे हैं। जैसे गीली मिट्टी को हम आकार देते हैं वैसे ही मां जीवन को आकार देती है। आज तीर्थंकर गीली मिट्टी की तरह है, उनकी मां आकार देने का कार्य कर रही है। जब तीर्थंकर का जीव आया नहीं था तब उसके विचार कुछ अलग थे। जब भगवान मां के गर्भ में आते हैं तो माता को सोलह स्वप्न आते हैं। जिसमें अति विशाल श्वेत हाथी, श्वेत वृषभ, श्वेत वर्ण लाल अयालों वाला सिंह, कमलासन लक्ष्मी का अभिषेक करते हुए दो हाथी, दो सुगंधित पुष्प मालाएं, पूर्ण चन्द्रमा, उदय होता सूर्य, कमलपत्रों से ढंके हुए दो स्वर्ण कलश, कमल सरोवर में क्रीड़ा करती दो मछलियां, कमलों से भरा जलाशय, लहरें उछालता समुद्र, हीरे मोती जडि़त स्वर्ण सिंहासन, स्वर्ग का विमान, रत्नों का ढेर, धुआं रहित अग्नि जैसे स्वप्न आते हैं और इनका अर्थ जानने के लिए माता बहुत उत्सुक रहती हैं और विस्तार से राजा विश्वसेन से स्वप्नों का फल पूछती हैं। राजा प्रफुल्लित होकर उनका जबाव देते हुए कहते हैं कि यह बहुत ही शुभ स्वप्न हैं। उन्होंने कहा कि भगवान के गर्भ में आने से छह माह पूर्व से लेकर जन्म पर्यंत 15 मास तक उनके जन्म स्थान में कुबेर द्वारा प्रतिदिन तीन बार साढ़े तीन करोड़ रत्नों की वर्षा होती है। यह भगवान के पूर्व अर्जित कर्मों का शुभ परिणाम है। अष्ट कुमारी देवियां माता की परिचर्या व गर्भशोधन करती हैं।
जानकारी देते हुए मनोज जैन ने बताया कि पंच कल्यातणक प्रतिष्ठा महोत्सव में प्रतिदिन शाम की सभा में गुरूभक्ति, आनंद यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें प्रतिदिन प्रश्न मंच कार्यक्रम के दौरान पुरस्कार भी प्रदान किए जा रहे हैं।
जन्म कल्याणक पर गज यात्रा आज
मेला प्रांगण में चल रहे पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में शनिवार को भगवान शांतिनाथ का जन्म कल्याणक महोत्सव मनाया जाएगा। जिसमें सुबह आठ बजे भगवान शांतिनाथ का जन्म होगा। तत्पश्चात भगवान के जन्म की खुशी में गज यात्रा मेला प्रांगण से प्रारंभ होकर महावीर गंज, राज टॉकीज मार्ग, सदर बाजार, परेड चौराहा, पुस्तक बाजार, भूता बाजार, इटावा रोड, देवनगर कॉलोनी होते हुए मेला प्रांगण पहुंचेगी। वहां पर तीर्थंकर बालक का सौधर्म इन्द्र द्वारा 1008 कलशों से महामस्तकाभिषेक कार्यक्रम धूमधाम से आयोजित किया जाएगा।