प्राणी को श्रीराम के चरित्र का अनुसरण करना चाहिए : रामचन्द्र दास

कुंअर बाबा मन्दिर परिसर में रामकथा के दौरान हो रहे हैं प्रवचन

भिण्ड, 24 मई। आलमपुर क्षेत्र के कुरथर गांव में कुंअर बाबा मन्दिर पर आयोजित किए जा रहे नौ दिवसीय 108 कुण्डीय श्रीराम महायज्ञ में चल रही रामकथा के तीसरे दिन कथा व्यास तुलसी पीठ के उत्तराधिकारी आचार्य रामचन्द्र दास ने भगवान श्रीराम के जन्म की मनमोहक कथा सुनाई और हर्षोल्लास से जन्मोत्सव मनाया गया।
कथा वाचक रामचन्द्र दास ने रामजन्म पर भये प्रकट कृपाला दीन दयाला कौशल्या हितकारी आदि पंक्तियों से पूरे माहौल को राममय बना दिया। उन्होंने कहा कि इस जगत में भगवान श्रीराम जैसा दूसरा चरित्र नहीं है। प्रभु श्रीराम की कथा के श्रवण मात्र से ही जीव के तमाम सांसारिक पाप नष्ट हो जाते हैं, इसलिए उन्हें पुरुषोत्तम राम कहा गया है। संसार के प्रत्येक प्राणी को भगवान श्रीराम का अनुसरण करना चाहिए। इसके बाद कथा व्यास एवं भक्तों द्वारा भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव पर बधाई गीत गाए गए। उन्होंने कहा कि जन्मोत्सव के बाद भगवान श्रीराम गुरू वशिष्ठ द्वारा नामकरण एवं शिक्षा दीक्षा के साथ समस्त विद्याओं में पारंगत होकर गुरू के साथ वापस अयोध्या आ गए। उसी समय महात्मा विश्वामित्र से उन्हें ज्ञात हुआ कि ब्रह्म श्रीराम मनुष्य रूप लेकर अयोध्या के महाराज दशरथ के घर पुत्र रूप में जन्म लिया है। श्रीराम जगत कल्याण के लिए यज्ञ कर सुबाहु और मारीच राक्षसों का संहार कर जगत की रक्षा करेंगे। उसी उद्देश्य से राम लक्ष्मण दोनों भाईयों को राजा दशरथ से मांगकर राष्ट्र कल्याण के लिए यज्ञ संपन्न कर आगे मिथिला नगर के लिए चल दिए।