गांजे की तस्करी करने वाले दो आरोपियों को ढाई-ढाई वर्ष का कारावास

न्यायालय ने आरोपियों पर पांच-पांच हजार रुपए जुर्माना भी लगाया

सागर, 11 मई। विशेष न्यायाधीष (अंतर्गत धारा 36(1) स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर श्री अब्दुल्लाह अहमद के न्यायालय ने दो पहिया वाहन से गांजे की तस्करी करने वाले आरोपीगण केदार मिश्रा एवं मनीष वैद्य को दोषी करार देते हुए स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 की धारा 20(बी)(आईआई)(बी) के तहत दो वर्ष छह माह के कठोर कारावास एवं पांच-पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक संजय कुमार पटैल ने की।
अभियोजन मीडिया प्रभारी एडीपीओ सौरभ डिम्हा के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि थाना गोपालगंज के उपनिरीक्षक को 21 फरवरी 2019 को जरिए मुखबिर सूचना मिली कि राजघाट तरफ से दो व्यक्ति बिना नंबर की मोटर साइकिल बजाज पल्सर से गांजा सप्लाई करने आ रहे हैं। मुखबिर की सूचना पर बताए गए स्थान पर हमराह फोर्स को रवाना किया गया। मौके पर पहुंचकर राजघाट से सागर तरफ आने वाली गाडिय़ों को हमराह बल की मदद से चैक किया गया, उसी समय मोटर साइकिल से दो व्यक्ति राजघाट तरफ से आते हुए दिखाई दिऐ जिन्हें पकड़ा गया। मोटर साइकिल पर दोनों व्यक्ति बीच में एक सफेद रंग की प्लास्टिक की बोरी रखे हुए थे दोनों व्यक्तियों से नाम-पता पूछे जाने पर अपना नाम केदार मिश्रा एवं मनीष बैद्य निवासी गौरझामर बताया। आरोपीगण की तलाशी के दौरान उनके अधिपत्य की प्लास्टिक की सफेद बोरी को खोलकर चैक किया तो उसमे हरे मटमैले रंग का पत्तीदार मादक पदार्थ पाया गया, जिसे रगडक़र व सूंघकर चैक करने पर गांजा होना पाया गया, तौल करने पर मादक पदार्थ 11 किलो 200 ग्राम था। जिसकी कीमत 66 हजार रुपए अनुमानित है। अभियुक्तगण का कृत्य 8/20 एनडीपीएस एक्ट के तहत पाएजाने से उनको गिरफ्तार किया गया। थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-गोपालगंज में धारा-8, सहपठित धारा-20(बी)(आईआई)(बी) एनडीपीएस एक्ट 1985 का अपराध आरोपियों के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला आरोपी के विरुद्ध संदेह से परे प्रमाणित किया। जहां विचारण उपरांत न्यायालय विशेष न्यायाधीश (अंतर्गत धारा 36(1) स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर श्री अब्दुल्लाह अहमद की अदालत ने दोषी करार देते हुए आरोपीगण को उपरोक्त सजा से दण्डित किया है।