सेवानिवृत्त जज की पत्नी की मौत के बाद अस्पताल में उसके गहने हड़पे

अब बीआईएमआर के प्रबंधन के विरुद्ध पेश होगा अमानत में खयानत का चालान

ग्वालियर, 27 अप्रैल। कोविड काल में फेंफड़े में इन्फेक्शन होने की वजह से बिरला अस्पताल ग्वालियर में मृत्यु के उपरांत महिला के गहने हड़पने के मामले में मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी श्री सीएस सैयाम ने अस्पताल प्रबंधन के गोविन्द देवड़ा एवं वेदप्रकाश पाण्डे के विरुद्ध धारा 406 /120बी भादंवि का अपराध के लिए पर्याप्त आधार होने से खात्मा प्रतिवेदन निरस्त कर थाना प्रभारी गोला का मन्दिर को आदेश दिया है कि वह अभियुक्तगण के विरुद्ध धारा 406/120बी के तहत विधिवत अंतिम प्रतिवेदन न्यायालय में प्रस्तुत करें। खात्मा प्रतिवेदन में आपत्तिकर्ता राघवेन्द्र सिंह, अरुण सिंह तोमर की ओर से पैरवी एडवोकेट मनोज उपाध्याय एवं संदीप लहरिया ने की।
प्रकरण की संक्षेप में जानकारी देते हुए एडवोकेट मनोज उपाध्याय ने बताया कि कोविड काल में फेंफड़े में संक्रमण की समस्या होने पर श्रीमती सरला तोमर निवासी डीबी सिटी ग्वालियर को बिरला हॉस्पिटल में एहतियातन दिखाया गया था। जहां प्रबंधन द्वारा उनको बिना आरटीपीसीआर जांच कराए कोविड संक्रमण होने की बात बताते हुए कोविड वार्ड में भर्ती कर लिया था। श्रीमती सरला जिस समय अस्पताल गई थीं, उस समय वह कान में सोने के टॉप्स, सोने की दो रिंग (एक डायमंड की) व चांदी की पायल, बिछुए भी पहने हुए थीं। उपचार के दौरान रोगी की स्थिति गंभीर हो गई और बेहोशी की दशा में वेंटिलेटर पर रखा गया था। वेंटिलेटर पर ही रोगी की मृत्यु होने पर उसकी मृत देह बैग में पैक करके परिजनों को सौंप दी गई थी एवं रोगी के स्वर्ण आभूषण एक बैग में रखे होना बता कर दे दिए गए थे। अंतिम संस्कार के पश्चात जब बैग चेक किया गया तो उसमें स्वर्ण आभूषण कानों के टॉप्स सोने की अंगूठिया नहीं मिली। जब अस्पताल प्रबंधन को इस आशय की शिकायत की गई तो अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा परिजनों को गुमराह किया जाता रहा एवं स्वर्ण आभूषण गायब करने वाले कर्मचारियों को बचाया गया। मृतक महिला के पुत्र राघवेन्द्र द्वारा पुलिस थाना गोला का मन्दिर में स्वर्ण आभूषण चोरी करने व गायब होने के संबंध में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। किंतु पुलिस द्वारा अस्पताल प्रबंधन का बचाव कर अनुसंधान में गलत विवेचना कर 27 दिसंबर 2022 को मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी ग्वालियर के न्यायालय में खात्मा रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश अरुण सिंह तोमर एवं उनके पुत्र राघवेन्द्र सिंह तोमर द्वारा खात्मा प्रतिवेदन में आपत्ति प्रस्तुत कर पुलिस की कार्य प्रणाली तथा निष्पक्षता के संबंध में आपत्ति कर केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्य पर संज्ञान लेने का निवेदन किया था। खात्मा प्रतिवेदन, कथन, आपत्ति व अन्य सुसंगत साक्ष्य का अवलोकन कर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी श्री सीएस सैयाम द्वारा अस्पताल प्रबंधन के गोविन्द देवड़ा एवं वेदप्रकाश पाण्डे के विरुद्ध धारा 406/120बी भारतीय दण्ड विधान का अपराध के लिए पर्याप्त आधार होने से खात्मा प्रतिवेदन निरस्त कर थाना प्रभारी गोला का मन्दिर को आदेश दिया है कि वह अभियुक्तगण के विरुद्ध धारा 406/120 बी के तहत विधिवत अंतिम प्रतिवेदन न्यायालय में प्रस्तुत करें।