श्रीमद् भागवत कथा में बही रसधार, श्रीकृष्ण जन्म का महोत्सव मनाया

सिद्धबाबा मन्दिर पर चल रही है श्रीमद् भागवक कथा

भिण्ड, 25 अप्रैल। मेहगांव क्षेत्र के ग्राम पर्रावन और धमसा के बीच सिद्धबाबा मन्दिर पर श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें कथा वाचक पं. अनमोल कृष्ण महाराज वृन्दावन धाम एवं मुख्य यजमान विश्वनाथ उपाध्याय धमसा, रामनिवास शर्मा धर्मकांटा मालनपुर हैं। आज की कथा में भगवान योगेश्वर श्रीकृष्ण के जन्मदिन पर श्रोता भाव विभोर होकर झूमे।
श्रीमद् भागवत कथा में चौथे दिवस योगेश्वर भगवन श्रीकृष्ण जन्म की कथा का उल्लेख करते हुए पं. अनमोल कृष्ण महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म कंस के कारागार में संपन्न हुआ देवकी बासुदेव के कष्टों का निवारण करते हुए भगवान श्रीकृष्ण कारागार से मुक्त होकर माता यशोदा की गोदी में जा पहुंचे, अपनी बाल लीलाओं से मैया यशोदा, नंदबाबा को सुख देते हुए समस्त नगर वासियों के प्राणाधार हो गए। नगर के ग्वाल बाल के साथ बाल लीलाओं के साथ-साथ सखियों के माखन को चुराकर खाने लगे और सबके चितचोर व माखन चोर कहलाए, जीव और ब्रह्म में बस यही अंतर है। जीव माया से मोहित होकर अपने मुख्य मार्ग से भ्रमित हो जाता है। जबकि ब्रह्म अपने लक्ष्य को ध्यानपूर्वक रखते हुए संसार में लीलाएं करते हुए आगे बढ़ता है, भगवान और इंसान में बस यही तो फर्क है कि इंसान अपने लक्ष्यों पर नजर केन्द्रित रखते हुए काम करता है और अपने किए हुए कर्मों का भोक्ता बनता है, परंतु भगवान का कर्म निष्काम होकर धर्म की रक्षार्थ होकर सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की भावना को प्रेरित करता है, मनुष्य के कर्म सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय हो तो मनुष्य भी कर्मफल से मुक्त रहता है। भगवान श्रीकृष्ण जन्म की कथा सुनकर भाव विभोर होकर श्रोताओं ने जन्मोत्सव मनाया। महिलाओं ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म दिवस पर बधाई गीत गाए।