भिण्ड, 23 अप्रैल। खाने से पहले और शौच के बाद, साबुन से अच्छी तरह से हाथ धोना न भूलें। बीमारियों से बचाव के लिए यह बात हम सभी को बचपन से सिखाई जाती है और कोविड-19 महामारी की दस्तक के बाद संक्रामक बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए इस जीवन रक्षक आदत को आम जीवन का हिस्सा बनाने की अहमियत और बढ़ गई है। ऐसे में सेसमी वर्कशॉप इंडिया अपने मपेट एल्मो और चमकी से बच्चों को खेल-खेल में हाथ साफ रखने की अहमियत सिखा रहा है।
अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केन्द्र (सीडीसी) के एक आकलन के मुताबिक, हाथ साफ रखने से डायरिया के हर तीन में से एक और श्वास संक्रमण के हर पांच में से एक मामले रोके जा सकते हैं। बावजूद इसके, बड़ी संख्या में लोग हाथों की सफाई पर ध्यान नहीं देते। विकसित देश, जहां साबुन और पानी की बेहतर उपलब्धता है, एक अनुमान के मुताबिक, वहां भी 50 फीसदी से अधिक लोग नियमित अंतराल पर साबुन से हाथ नहीं धोते।
अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रख्यात गैर-लाभकारी मीडिया एवं शैक्षणिक संगठन सेसमी वर्कशॉप की भारतीय शाखा सेसमी वर्कशॉप-इंडिया ‘स्वच्छता और बीमारियों की रोकथाम के उपायों’ के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए हाईजीन एंड बिहेवियर चेंज कोअलिशन (एचबीसीसी) के सहयोग से एक मल्टी-मीडिया अभियान चला रहा है। एचबीसीसी लोगों में स्वच्छ आदतें विकसित करने के लिए यूनिलीवर और ब्रिटिश सरकार के विदेश, राष्ट्र मण्डल एवं विकास कार्यालय (एफसीडीओ) का एक गठबंधन है। इस मल्टीमीडिया अभियान के तहत, सेसमी वर्कशॉप इंडिया ने लोगों को ‘स्वच्छता और बीमारियों की रोकथाम के उपायों’ के बारे में जागरूक करने के लिए हिन्दी, मराठी, तेलुगु और तमिल भाषा में सरल, लेकिन आकर्षक ऑनलाइन सामग्री उपलब्ध कराई हैं, जिनमें वीडियो से लेकर पोस्टर, डिडिटल गेम और ई-बुक शामिल हैं। ये सामग्री सोशल मीडिया साइटों- फेसबुक, इंस्टाग्राम, यू-ट्यूब और रेडियो के अलावा समुदायों से सीधे संपर्क के जरिए परिवारों को मुहैया कराई जा रही हैं। इसके अलावा, सेसमी स्ट्रीट के अभिनव डिजिटल गेम ‘एच फॉर हैंडवाशिंग’ का नया हिन्दी संस्करण भी समुदायों में बच्चों और परिवारों के बीच वितरित किया जा रहा है।
स्वास्थ्य और स्वच्छता के क्षेत्र में सेसमी वर्कशॉप इंडिया की ओर से बच्चों के लिए किए जा रहे काम के बारे में संस्थान की प्रबंध निदेशक सोनाली खान कहती हैं, हमारा लक्ष्य बच्चों और परिवारों के बीच स्वच्छता से जुड़ी जानकारी, व्यवहार और प्रथाओं को बढ़ावा देना तथा बच्चों की विकास संबंधी जरूरतों को पूरा करना है। हाईजीन बिहेवियर चेंज कोअलिशन की मदद से हम स्वास्थ्य और स्वच्छता संबंधी महत्वपूर्ण आदतों को लेकर अधिक से अधिक बच्चों और परिवारों तक पहुंच बनाने की कोशिशों में जुटे हैं।