जीवन में सफल होना है तो ध्रुव के चरित्र का अनुशरण करें : रामभूषण दास

ग्राम रावतपुरा में चल रही है श्रीमद् भागवत कथा

भिण्ड, 20 अप्रैल। जीवन में यदि सफल होना है तो अपने जीवन में ध्रुव के चरित्र का अनुशरण करें। यह बात गोरमी क्षेत्र की ग्राम पंचायत रावतपुरा में श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन ध्रुव चरित्र का वर्णन करते हुए कथा व्यास श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर श्री रामभूषण दास महाराज खनेता धाम ने कही।
उन्होंने कहा कि जीवन में ध्रुव के समान निश्चल और निर्भीक बनो, ध्रुव के पास राजपाठ वैभव सब कुछ होते हुए भी निश्चल और निर्भीक से उन्होंने अपने जीवन को ईश्वर के प्रति समर्पित कर दिया था, उनका यही समर्पण भाव उनकी सफलता का मूल मंत्र बना। आज यदि हम भी सफल होना चाहते हैं तो हमें अपने जीवन में भी निश्चल बने रहना है। क्योंकि ईश्वर को सिर्फ निश्चल मन से ही प्राप्त किया जा सकता है। श्रीराम चरितमानस में बाबा गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा है कि निर्मल मन जन सो मोहि पावा, मोहि कपट छल छिद्र न भावा।। यदि सफलता और ईश्वर को प्राप्त करना है तो हमें अपने मन को निर्मल स्वच्छ एवं भेदभाव रहित सभी विकारों से दूर रखना होगा। ईश्वर सदैव निश्चल प्रेम के वशीभूत होता है, ईश्वर के समीप चतुराई का कोई कार्य नहीं होता है। उन्होंने जड़ भरत की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि जड़ भरत यद्यपि उसके नाम से जड़ प्रतीत होता है, जड़ का एक अर्थ मूल आधार भी होता है और जड़ भरत के जीवन का मूल आधार था, ईश्वर की भक्ति इसी को आधार मानकर उसने जीवन को सार्थक बनाया।
कथा श्रवण करने पहुंचे कांग्रेस नेता राहुल भदौरिया ने श्रीमद् भागवत महापुराण की आरती की। यज्ञ आचार्य के रूप में उत्तम नारायण शुक्ला मौजूद थे। भागवत कथा में परीक्षत ज्ञानसिंह नरवरिया, डॉ. जितेन्द्र सिंह नरवरिया, अरविन्द नरवरिया, मप्र सरकार के राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया, पूर्व मंत्री राकेश चौधरी, पूर्व विधायक राकेश शुक्ला, भाजपा नेता जयप्रकाश राजौरिया, मण्डल अध्यक्ष सुभाष थापक, जेलसिंह नरवरिया, अजय द्विवेदी, विजय सिंह राजावत, पटेल यादव, मोनू शर्मा, गोकुल सिंह परमार सहित भक्तजन शामिल हुए।