लू (तापघात) से बचाव हेतु दिशा-निर्देश जारी

भिण्ड, 18 अप्रैल। गर्मियों के मौसम में वातावरण में अधिक तापमान के बदलाव से लू लगने की संभावना होती है। इसके साथ-साथ खाद्य व पेय पदार्थों के दूषित होने की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं। जिसके लिए जिले में पूर्व में ही अलर्ट जारी किया गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. यूपीएस कुशवाह ने बताया कि लू (तापघात) से बचाव हेतु दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। आमजन धूप व गर्मी से बचें। घर के अंदर हवादार, ठण्डे स्थान पर रहें। यदि बाहर कार्य करना अति आवश्यक हो तो बाहरी गतिविधियां सुबह व शाम के समय में ही करें। अत्याधिक शारीरिक श्रम वाली गतिविधियां दिन के अधिकतम तापमान वाले घण्टों में न करें। सफेद व हल्के रंग के पतले वस्त्रों का उपयोग करें, सिर को कपड़े या टोपी से ढकें। जूते-चप्पल तथा नजर के काले चश्मे (गॉगल) का प्रयोग करें। धूप में जाने से पहले भोजन व पर्याप्त पानी लें। अधिक से अधिक पेय पदार्थों (नॉन अल्कोहॉलिक) जैसे नींबू पानी, लस्सी, छांछ, जलजीरा, आमपना, दही, नारियल पानी आदि का सेवन करें। ताजा एवं स्वच्छ भोजन का सेवन करें। शिशुओं तथा बच्चों, 65 वर्ष से अधिक आयु के महिला व पुरुष घर के बाहर काम करने वाले, मानसिक रोगियों तथा उच्च रक्तचाप वाले मरीजों का विशेष ध्यान रखें। बंद गाड़ी के अंदर का तापमान बाहर से अधिक होता है, अत: कभी भी किसी को बंद पार्किंग में रखी गाड़ी में अकेला न छोड़ें। बहुत अधिक भीड़, गर्म घुटन भरे कमरों, रेल, बस आदि में यात्रा गर्मी के मौसम में अत्यावश्यक होने पर ही करें। यदि किसी व्यक्ति को लू लगने का संदेह होता है तो उसे तत्काल ठण्डे स्थान पर रखें। पानी, छांछ व अन्य तरल पदार्थों को पर्याप्त मात्रा में लें। यदि आराम न लगे तो तुरंत निकट के शासकीय या निजी चिकित्सायल में उपचार कराएं।