नाबालिगा का अपहरण कर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का कारावास

रायसेन, 17 अप्रैल। अपर सत्र न्यायाधीश तहसील गौहरगंज, जिला रायसेन के न्यायालय ने नाबालिग बालिका का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी आशीष मालवीय उम्र लगभग 19 वर्ष निवासी पाल मोहल्ला, थाना मण्डीदीप, जिला रायसेन को दोषी पाते हुए धारा 376(3) भादंवि में 20 वर्ष कठोर कारावास एवं धारा 363, 366 भादंवि में क्रमश: तीन वर्ष, पांच वर्ष के कठोर कारावास तथा छह हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। मामले में राज्य की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक तहसील गौहरगंज अनिल कुमार तिवारी ने की।
अभियोजन मीडिया प्रभारी जिला रायसेन श्रीमती शारदा शाक्य के अनुसार घटना का संक्षिप्ता विवरण इस प्रकार है कि फरियादिया (अभियोक्त्री) ने 11 मई2021 को थाना मण्डीदीप में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई कि दो साल पहले उसकी सहेली ने उसकी पहचान अभियुक्त आशीष मालवीय से कराई थी, वह आशीष को अपना भाई मानती थी, पिछले महीने की तीन तारीख को आशीष ने उसे फोन करके बोला कि अपन दोनों घूमने पचपन सीढ़ी मन्दिर चलते हैं, तो वह आशीष के साथ पचपन सीढ़ी गई थी, जहां आशीष ने उसका हाथ पकड़ा और उसकी मांग भर दी थी, कहने लगा कि तुम्हें यह शादी माननी पड़ेगी और उसके सीने में हाथ लगाने लगा, उसने कहा कि यह सब मत करो, वह लेट हो रही है घर ले चलो। तो आशीष ने उसे धमकी दी कि उसे यह शादी माननी पड़ेगी और किसी को कुछ बताया तो जान से खत्म कर देगा। उसने यह बात डर के कारण किसी को नहीं बताई। 10 मई 2021 को सुबह पांच बजे के करीब आशीष के मोबाइल से उसके पापा के नंबर पर फोन आया और उसने बोला मिलने शनिवार बाजार में आ जाए, नहीं तो सबको शादी के बारे में बता देगा। वह डर के कारण अकेले शनिवार बाजार गई, जहां आशीष मिला। आशीष ने धमकाकर उसका हाथ पकड़ा और उसे शनिवार बाजार में सर्राफा बाजार साइड ले गया, जहां एक टूटे घर में सुबह करीब 5:30 बजे से छह बजे के बीच जबरदस्ती उसकी मर्जी के बिना उसके साथ गलत काम (बलात्कार) किया और उसे धमकी दी कि किसी को कुछ बताया तो उसे बदनाम कर देगा। डर के कारण उसने अपनी बड़ी बहन को सारी बात बताई तथा फिर मम्मी के काम से वापस आने पर सारी बात बताई और मम्मी और दीदी के साथ रिपोर्ट की। अभियोक्त्री के उक्त लिखित आवेदन पर थाना मण्डीदीप में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर मामला अनुसंधान में लिया गया। अनुसंधान पूर्ण कर पुलिस ने अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। न्यायालय में सुनवाई के दौरान गवाहों के बयान, वैज्ञानिक चिकित्सीय साक्ष्य से अभियुक्त को संदेह से परे मामला प्रमाणित पाते हुए आरोपी को दोषसिद्ध किया गया।