जिपं सदस्य के नामांकन निरस्त मामले की पुन: होगी जांच

आयुक्त ने दिए निर्देश, कलेक्टर ने गठित की तीन सदस्यीय समिति

भिण्ड, 16 अप्रैल। पंचायत निर्वाचन 2014-15 में तत्कालीन कलेक्टर मधुकर आग्नेय द्वारा अभ्यर्थी विजया देवी पत्नी बीके बौहरे का जिला पंचायत सदस्य का नामांकन जान-बूझकर निरस्त कर चुनाव लडऩे से वंचित करने के मामले में एक नया मोड़ आया है। संभागीय आयुक्त के निर्देश पर कलेक्टर ने पुन: जांच हेतु तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन कर आवेदक बीके बौहरे को कलेक्टर कक्ष में अपना लिखित पक्ष रखने को कहा। अपर कलेक्टर द्वारा जारी किए गए पत्र के पालन में पीडि़त बीके बौहरे द्वारा अपना जवाब प्रस्तुत कर दिया गया है।
चंबल कमिश्नर दीपक सिंह के आदेश पर भिण्ड कलेक्टर ने मामले की उच्च स्तरीय जांच हेतु तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है। इसमें अपर कलेक्टर जेपी सैयाम को कमेटी का अध्यक्ष, डिप्टी कलेक्टर पराग जैन एवं ओएस मनोज जैन को कमेटी का सदस्य नियुक्त किया गया है।
आवेदक बीके बौहरे के अनुसार तत्कालीन कलेक्टर इलैया राजा टी एवं अपर कलेक्टर टीएन सिंह द्वारा मामले में की गई कार्रवाई के महत्वपूर्ण दस्तावेज अभिलेख से गायब किए जाने का आरोप लगाया था। मामले में प्रमुख रूप से दोषी पाए गए तत्कालीन एसडीएम अटेर सुनील शर्मा को दण्डात्मक कार्रवाई से बचाने के दस्तावेजी सबूत प्रस्तुत करने पर आरोपों की पुष्टि होना बताया गया है। प्रकरण में लिपिकीय कार्य करने वाले लिपिक प्रदीप दीक्षित, वीणा वर्मा, दिनेश सिंह द्वारा दिए गए कथनों से भी अभिलेख में हेराफेरी का आरोप है। पूर्व कलेक्टर छोटेसिंह द्वारा उक्त हेराफेरी को नजरअंदाज कर कार्रवाई प्रकरण को नस्तीबद्ध किए जाने के निर्देश दिए गए थे। मामले के पीडि़त बीके बौहरे ने पूर्व कलेक्टर छोटेसिंह द्वारा कार्रवाई को रद्द करने एवं नस्तियां गुम होने की एफआईआर दर्ज कराए जाने की जांच कमेटी से मांग की है।
यहां बता दें कि पंचायत निर्वाचन 2014-15 में तत्कालीन कलेक्टर मधुकर आग्नेय द्वारा अभ्यर्थी विजया देवी पत्नी बीके बौहरे का जिला पंचायत सदस्य का नामांकन जान-बूझकर निरस्त कर चुनाव लडऩे से वंचित कर लोकतंत्र की हत्या किए जाने के मामले में निर्वाचन आयोग द्वारा रिटायर्ड आईएएस आरआर गंगारेकर से कराई गई जांच में दोषी पाए गए अफसरों पर सख्त कार्रवाई किए जाने के दिए गए निर्देशों के पालन में फरवरी 2018 में कलेक्टर कार्यालय भिण्ड में संचालित कार्रवाई प्रकरण नस्ती में तत्कालीन कलेक्टर इलैया राजा टी अपर कलेक्टर टीएन सिंह द्वारा लेख की गई। ऑर्डर सीटें एवं तत्समय दोषियों के विरुद्ध तैयार किए गए आरोप पत्रादि मूल अभिलेख से गायब कर मामले के प्रमुख दोषियों से सांठ-गांठ कर उन्हें दण्डात्मक कार्रवाई दायरे से बचाने की सुनियोजित साजिश को अंजाम दिया गया एवं पूर्व कलेक्टर छोटेसिंह द्वारा इन अनियमितताओं के साथ शिथिलता बरतते हुए प्रकरण में प्रारंभिक कार्रवाई पूर्ण कर प्रकरण को नस्तीबद्ध कर दिया गया था। अपर कलेक्टर द्वारा जारी किए गए पत्र के पालन में पीडि़त बीके बौहरे द्वारा अपना जवाब प्रस्तुत कर दिया गया है।