ज्ञान का संबर्धन करती है मथुरा लीला : विजयवर्गीय

राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने अम्बरीश शर्मा द्वारा आयोजित भागवत ज्ञान यज्ञ में गाया भजन

भिण्ड, 13 अप्रैल। लहार नगर के उपाध्याय गार्डन में भाजपा प्रदेश कार्य समिति सदस्य अम्बरीश शर्मा गुड्डू भैया द्वारा आयोजित भागवत ज्ञान यज्ञ में गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पहुंचे। जिनका युवा नेता ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ भव्य स्वागत किया एवं नगर के लोगों ने पुष्प वर्षा कर कैलाश विजयवर्गीय का अभूतपूर्व स्वागत किया।
इस मौके पर कथा स्थल पर राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भजन गाया- ‘मीठे रस से भरो री राधा रानी लागे, मोह मीठो मीठो सरयू जी का पानी लागे’। इसके बाद वे पत्रकारों के सवाल पर बोले कि मैं अपने छोटे भाई गुड्डू की भागवत में शामिल होने आया हूं, इसलिए आज सिर्फ धार्मिक बात ही करूंगा। इसके बाद वे ग्वालियर रवाना हो गए।

श्रीकृष्ण की मथुरा लीला जीव के हृदयांधकार को नष्ट कर ज्ञान का विकास करती है : चिन्मयानंद बापू

भागवत सप्ताह कथा ज्ञान यज्ञ के छठवें दिवस की कथा का विस्तार से विवेचन करते हुए पूज्य चिन्मयानंद बापू ने कहा कि प्रभु श्रीकृष्ण की मथुरा लीला जीव के हृदयांधकार को नष्ट कर ज्ञान का विकास करती है। जिस ज्ञान के माध्यम से जीव पूर्ण ब्रह्मा श्रीकृष्ण से साक्षात्कार करता है। मथुरा लीला प्रसंग का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि परमात्मा श्रीकृष्ण ने अपनी मथुरा लीला में अज्ञान रूपी कंस का उद्धार कर ज्ञान का संबर्धन किया। यहां तक कि साक्षात् बृहस्पति के शिष्य उद्धव जी के ज्ञान को प्रभु ने गोपियों द्वारा भक्ति का चादर उढ़ाकर परिपूर्ण किया। स्वयं परमात्मा श्रीकृष्ण ने अपनी मथुरा लीला में ही गुरू सांदीपनि के सानिध्य में 64 दिनों तक रहकर ज्ञान प्राप्त किया। अत: प्रभु की मथुरा लीला श्रवण करने मात्र से भक्त के हृदय में ज्ञान का उदय होता है।
उन्होंने बताया कि यदि विद्यार्थी अपने अध्ययन काल में प्रभु की मथुरा लीला को श्रवण करता है तो निश्चित रूप से विद्या के क्षेत्र में उसे अभूतपूर्व सफलता प्राप्त होती है। विशेष महोत्सव में रुक्मिणी विवाह महोत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। इस प्रसंग पर विस्तार से व्याख्यान देते हुए आचार्य श्री ने कहा कि रुक्मिणी जी ने अपने जीवन में किए हुए सत्कार का फल केवल प्रभु को ही मांगा। जिसको प्रभु श्री द्वारिकाधीश ने स्वयं रुक्मिणी के कुंडिनपुर जाकर रुक्मिणी को प्रधान पटरानी बनाकर पूर्ण किया। यह पवित्र प्रसंग हम सबको शिक्षा प्रदान करता है कि हमें जीवन में किए हुए सत्कार के फल के रूप में प्रभु की ही आचना करनी चाहिए। इस मौके पर कथा पारीक्षत श्रीमती अरुणा-नरेश चन्द्र शर्मा ने सभी भक्तों से अपील की कि कथा अमृतपान कर अपने जीवन को सफल बनाएं।
कथा में ये रहे मौजूद
आज की कथा में महामण्डलेश्वर स्वामी बालिकानंद जी महाराज, पूर्व सांसदद्वय डॉ. रामलखन सिंह एवं डॉ. भागीरथ प्रसाद, पूर्व विधायक अटेर हेमंत कटारे, पूर्व जला पंचायत उपाध्यक्ष दतिया लश्करी महंत, श्रीमती प्रतिभा अनूप शर्मा, महाधिवक्ता ग्वालियर राजेश शुक्ला, डॉ. विजय शर्मा, डॉ. दिलीप भदौरिया, सुरेन्द्र पाल, संगठन मंत्री भोपाल जितेन्द्र गुर्जर, शैलेन्द्र बरुआ, सीताराम शर्मा, जगदंबा प्रसाद शर्मा, मनोज शर्मा, प्रकाश नारायण शर्मा, राकेश शर्मा, ऊषा कमलेश दीक्षित, स्वतंत्र समाधिया, नीतेश भारद्वाज पप्पू, कमलेश कुशवाह, राजेन्द्र कौरव, सत्येन्द्र बैद उरई, संतोष नगायच, हरविलास शर्मा, आशुतोष शर्मा, अयोध्या प्रसाद शर्मा, प्रकाश नारायण उरई, दिनेश शुक्ला, रामेश्वर दयाल उपाध्याय, अनूप पाठक, अंजनी कुरचानिया, प्रकाश उपाध्याय बरहा, रमेश उपाध्याय बरहा, पूनम विवेक पाराशर, माधो शर्मा, विजय शर्मा, पूजा बिहारी चौधरी, सालिगराम त्रिपाठी, कृपाल बघेल, मुनेश बघेल, जितेन्द्र बौहरे, केश शर्मा, कप्तान सिंह राठौर, सुमित पांडेय, अशोक शिवहरे ठेकेदार, अजयपाल सिंह, कंछेदी लाल बघेल, गोपाल कुशवाह, विनय शर्मा, अशोक शर्मा, सुमित पाण्डेय, श्यामू थापक, दीपक चौधरी, संतोष सरपंच छिदी, विकास बिरथरे, अमित गुप्ता ग्वालियर, पिक्कू उपाध्याय, टोनी श्रीवास्तव आदि सैकड़ों भक्तजन मौजूद रहे।