स्वास्थ्य को लेकर युवाओं को समय से पहले सचेत होने की जरूरत : डॉ. अनीता जैन

विश्व स्वास्थ्य दिवस पर सुप्रयास द्वारा युवाओं को जागरुक करने के लिए संगोष्ठी आयोजित

भिण्ड, 07 अप्रैल। विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वर्ष 2023 की थीम ‘सबके लिए स्वास्थ्य’ रखी गई है। आधुनिक जीवन शैली में जंक फूड और फास्ट फूड संस्कृति के चलते कम आयु के युवा गंभीर हृदय रोगों के शिकार होकर असमय में मौत के मुंह में जा रहे है। युवाओं को जागरुक करके ही इन परिस्थतियों से बचा जा सकता है। उक्त उदगार जैन महाविद्यालय भिण्ड की प्राचार्य डॉ. अनीता जैन ने सामाजिक संस्था सुप्रयास द्वारा विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर जैन महाविद्यालय भिण्ड में आयोजित जागरुकता संगोष्ठी में मुख्य भाषण में व्यक्त किए।
विषय प्रवर्तन करते हुए डॉ. रंजना यादव ने कहा कि हमें शारीरिक, मानसिक, सामाजिक तथा आर्थिक स्वास्थ्य पर सजग रहना है। संतुलन से ही जीवन में अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त किया जा सकता है। विषय को आगे बढ़ाते हुए प्रो. मधु जैन ने कहा कि स्वस्थ्य शरीर में ही स्वस्थ्य मन निवास करता है। आज-कल के बच्चे अपना अधिकांश समय मोबाइल और सोशल मीडिया पर ही बिता रहे हैं एवं शारीरिक गतिविधियां न के बराबर रह जाने से पाचन संबंधी रोग भी बच्चों को हो रहे हैं, जिनका युवा पीढ़ी से कोई वास्ता नहीं होना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो. हरेन्द्र शर्मा ने बताया कि समय रहते स्वास्थ्य परीक्षण करके गंभीर रोगों की रोकथाम की जा सकती है। यदि परिवार में किसी को मधुमेह, ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक, कैंसर, किडनी रोग जैसी समस्याएं रही हैं तो 30 साल की आयु से ही अपना रुटीन चैकअप करवाते रहना चाहिए। स्कूल-कॉलेज में पढऩे बाले बच्चों को भी कोई भी शारीरिक या मानसिक लक्षण होने पर तुरंत जांच करवानी चाहिए।
सुप्रयास सचिव डॉ. मनोज जैन ने कहा कि कोई रोग न निकलने पर लोग कहते हैं कि हमारी जांच के पैसे बेकार गए, हमें तो कोई रोग निकला ही नहीं, जबकि यह हमारी तसल्ली और खुशी की बात है। इसलिए आयु के अनुसार समय पर परीक्षण और नियमित योग व्यायाम, आहार-विहार में परिवर्तन करके हम अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त कर सकते हैं। कार्यक्रम में युवाओं में शालिनी राजौरिया, शुभि दुबे, सलौनी तोमर, दीपा भदौरिया, मोहित भदौरिया, अभिषेक पाराशर ने भी अपने विचार व्यक्त किए।