झुग्गी झोपड़ी के बच्चों के बीच रंगोली एवं कई प्रतियोगिताएं आयोजित

विजेता बच्चों को रेनबो क्वीन क्लब ने दिए पुरस्कार

ग्वालियर, 29 मार्च। झुग्गी झोपड़ी एवं निम्न आय वर्ग के बच्चों के बीच शिक्षा और कला के माध्यम से बच्चों में शिक्षा के प्रति लगाव पैदा करने के लिए समय-समय पर प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चों को प्रोत्साहित किया जाता रहता है। जिससे बच्चे गलत विचारधारा को न चुनकर शिक्षा की तरफ अपना ध्यान बनाएं एवं देश की प्रगति में सहायक हों।
इसी क्रम में सेवार्थ पाठशाला की बेटी बचाओ चौराहे के पास चल रही पाठशाला में रंगोली एवं अन्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इन बच्चों को केआरजी महाविद्यालय की एनएसएस की छात्राओं के मार्गदर्शन में शिक्षा के साथ-साथ रंगोली एवं अन्य चीजों के लिए तैयार किया जा रहा है, बच्चों ने बढ़ चढक़र भाग लिया एवं अपनी-अपनी कला के माध्यम से फर्श पर रंगोली को उकेरा। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि अभिनेत्री एवं समाज सेविका रेनबो क्लब की अध्यक्ष श्रीमती अनीता ओडिय़ा एवं वंदना गुप्त, उपाध्यक्ष ममता मलिक, संयोजक प्रभा शर्मा, वैभव अग्रवाल, कर्णिका, प्रिया द्वारा चयनित सभी बच्चों को शील्ड देकर सराहा तथा सभी बच्चों को स्टेशनरी एवं स्वल्पाहार वितरित किया। केआरजी कॉलेज की सभी छात्राओं को विशेष सम्मान देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर पाठशाला के अध्यक्ष ओपी दीक्षित ने बताया कि रेनबो क्वीन क्लब द्वारा पाठशाला की विभिन्न शाखाओं पर सांस्कृतिक, चित्रात्मक एवं अन्य प्रतियोगिताओं द्वारा बच्चों को समय-समय पर प्रोत्साहित किया जाता रहा है। उनका यह प्रयास पाठशाला के सुचारू रूप से चलने में अत्यंत सहायक है, बच्चे कला के माध्यम से अपने विचारों को उकेरते हैं। एनएसएस केआरजी महाविद्यालय की छात्राओं का भी आभार व्यक्त किया कि यह छात्राएं नि:शुल्क बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ समन्वयक की दिशा में एक नवाचार है।
कार्यक्रम का संचालन सेवार्थ पाठशाला के सचिव भूतपूर्व सेना अधिकारी मनोज पाण्डे एवं आभार पूर्व मैनेजर मोहनलाल अहिरवार ने व्यक्त किया। एनएसएस की छात्राएं रितिका चौरसिया, दिव्या माहौर, कुसुम जाटव एवं कशिश शाक्य के प्रशिक्षण में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ। रंगोली प्रतियोगिता में प्रथम विजेता वंशिका, द्वितीय स्थान फरीन एवं तृतीय स्थान डिंपल को मिला। क्विज प्रतियोगिता में प्रथम स्थान नीरज एवं द्वितीय स्थान अजय को मिला। बेस्ट छात्रा का पुरस्कार कु. कामिनी को मिला। अंत में राष्ट्रगान कर कार्यक्रम संपन्न हुआ।