मैं महावीर के शासन का एक छोटा सा साधक हूं : पुष्पदंत सागर

गणाचार्य पुष्पदंत सागर का 36वां आचार्य पदारोहण दिवस मनाया

भिण्ड, 21 मार्च। मानव सेवा पुष्पगिरी तीर्थ प्रणेता वातसल्य दिवाकर गणाचार्य श्री पुष्पदंत सागर महाराज ने भिण्ड प्रवास के पांचवे दिन धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि संसार की चकाचोंध में अपने परमात्मा को मत भूल जाना, पुण्य से प्रभु कृपा से जो शरीर इन्द्रियां मिली है उनका सदुपयोग करो, खाओ खूब खाओ, पर ऐसा खाओ जिसे तुम्हारे अंदर का परमात्मा स्वीकारें।
आचार्य पद दिवस के अवसर पर गणाचार्य श्री पुष्पदंत सागर महाराज ने अपने दीक्षा गुरू पूज्य विमल सागर का स्मरण किया और अपनी संस्कार व जन्म देने वाली मां को भी याद करके कहा कि मैं तो भगवान महावीर के शासन का एक छोटा सा साधक हूं, आपकी श्रृद्धा और प्यार से मैं अभिभूत हूं।
गणाचार्यश्री के आचार्य पद दिवस पर संस्कार प्रणेता गुरुदेव आचार्यश्री सौरभ सागर महाराज ने 36 वर्ष की गुरुदेव की साधना आराधना प्रभावना के विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आचार्य श्री विमल सागर महाराज ने जो कृपा इन पर की है उसका फल हम सब भोग रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरे गुरुदेव भगवान महावीर के प्रतिनिधि हैं, वे नाम मात्र के आचार्य नहीं वल्कि आचरण के आचार्य हैं, जिनका तन 40 वर्ष का तप में तपा हो वे निश्चित ही चलते फिरते इस युग में महावीर हैं।
संगस्थ लघु मुनी शिष्य क्षुल्लक श्री पर्व सागर ने बताया कि 30 वर्षों के अंतराल में बाद पुन: भिण्ड नगर में आगमन तो सौभाग्य की बात थी। आज भिण्ड नगर वासियों पुण्य से भिण्ड नगर को धर्म नगरी व समाज को धर्म प्रिय समाज बनाने वाले उन्हीं विख्यात संत का 36वां आचार्य पदारोहण दिवस मनाने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ। जिसे समाजजन व श्रृद्धालुओं ने बड़ी भक्ति भाव के साथ गुरू पूजन करके हर्षोल्लास के साथ मनाया। आगामी 30 मार्च से तीन अप्रेल तक गणाचार्य ससंघ के सानिध्य में भिण्ड नगर के किला मन्दिर में पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव होगा, जिसकी तैयारियां जोरों से चल रही है। साथ ही नगर वासियों के दर्शन व सतसंग लाभ हेतु संत संघ नगर के बतासा गली स्थित ऋषभ सत्संग सभागार में विराजमान हैं, जहां प्रतिदिन सुबह 8:30 बजे सत्संग व संध्या 6:30 बजे आंनद यात्रा सत्संग होता है, जो 29 मार्च तक निरंतर जारी रहेगा।