स्वच्छता वास्तव में विकास का मानक है : डॉ. द्विवेदी

शा. महाविद्यालय मौ के रासेयो का शिविर का चौथा दिन

भिण्ड, 13 मार्च। राष्ट्रीय सेवा योजना का सात दिवसीय शिविर ग्राम खेरियाजल्लू के प्राथमिक विद्यालय में लगाया जा रहा है। कार्यक्रम अधिकारी प्रो. हरिशंकर सिंह कंसाना ने बताया कि प्रतिदिन स्वयंसेवक सांस्कृतिक गतिविधियां करते हैं और शिविर की दिनचर्या का अनुशासन से पालन कर रहे हैं।
शिविर के चौथे दिन शा. महाविद्यालय मौ के प्राचार्य रविकांत द्विवेदी ने बौद्धिक सत्र में संबोधित करते हुए कहा कि स्वच्छता न केवल सभ्यता का प्रतीक है, बल्कि विकास का मानक है। किसी भी शहर, मोहल्ले के विकास को स्वच्छता से ही आंका जा सकता है। स्वच्छ समाज होगा तो स्वस्थ नागरिक होंगे और स्वस्थ नागरिक होंगे तो वे रुचि पूर्वक समाज की प्रगति कर सकेंगे। हम ग्राम, कस्बे, मोहल्ले को स्वच्छ बनाकर कई बीमारियों से बचा सकते हैं। कई गंभीर बीमारियों का कारण हमारी लापरवाही और स्वच्छता में कमी ही रहती है। उन्होंने स्वच्छता में स्वयंसेवकों की भूमिका विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि हर स्वयंसेवक को नागरिक कर्तव्य का पालन करते हुए इस विषय को अपने आचरण में लाना चाहिए।
प्रथम दिन शाप्रावि खेरियाजल्लू के शिक्षकमुन्नालाल गोयल ने राष्ट्रीय सेवा योजना और समाज विषय पर बौद्धिक दिया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सेवा योजना व्यक्तित्व विकास हेतु बहुत प्रमाणिक मंच बन चुका है। इसलिए स्वयंसेवकों को इसके माध्यम से बहुत कुछ सीखने का अवसर प्राप्त होता है। न केवल अनुशासन बल्कि नेतृत्व क्षमता विकसित करने का यह अवसर प्रदान करता है। शिविर के दूसरे दिन माध्यमिक शिक्षा जीएचएसएस मौ के महबूब खान ने विद्यार्थी जीवन और अनुशासन विषय पर बौद्धिक प्रदान किया। विद्यार्थी शिविर के माध्यम से अनुशासित एवं स्वाबलंबी बनते हैं। शिविर के तीसरे दिन नशा मुक्ति अभियान विषय को संबोधित करते हुए डॉ. अमित दुबे ने कहा कि नशे से ना केवल सामाजिक प्रतिष्ठा दाव पर लगती है बल्कि आर्थिक क्षति भी होती है, जो कि हमारे पारिवारिक ढांचे को नष्ट कर देती है, युवाओं को नशे के व्यसनों से बचना होगा तभी हम प्रगति कर पाएंगे।